जम्मू कश्मीर के विधायकों और हुर्रियत नेताओं को इस्लामाबाद सम्मेलन का न्योता

जम्मू कश्मीर के विधायकों और हुर्रियत नेताओं को इस्लामाबाद सम्मेलन का न्योता

कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाले एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के दो विधायकों और अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को न्योता मिला है। दो में से एक विधायक ने शुक्रवार को कहा कि वह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मुहम्मद याकूब खान ने 20-21 जनवरी को होने वाले गोलमेज सम्मेलन के लिए न्योता भेजा है। हुर्रियत के सभी धड़ों को यह न्योता दिया गया है। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुहम्मद यूसुफ तारिगामी और निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद को भी निमंत्रण दिया गया है। इनके अलावा नागरिक समूहों को भी सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया गया है।

इंजीनियर राशिद ने सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है। अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया इंजीनियर राशिद के प्रवक्ता ने बताया कि वह (राशिद) शनिवार को पाकिस्तान रवाना होंगे। राशिद की पार्टी को चुनाव आयोग की मान्यता नहीं हासिल है।

प्रवक्ता ने कहा, 'कश्मीरी लोग विवाद के मुख्य पक्ष और पीड़ित हैं। इन्हें भारत, पाकिस्तान या दुनिया के सामने अपना पक्ष रखने का कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहिए।' प्रवक्ता ने कहा कि राशिद कश्मीर मसले पर इस्लामाबाद में कई राजनैतिक समूहों और समाज के अलग-अलग हिस्सों से बात करेंगे।

तारिगामी ने कहा कि अभी उन्होंने सम्मेलन में शामिल होने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है। वहीं जम्मू - कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता मोहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि उन्हें अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है। जिन अलगाववादी नेताओं को सम्मेलन का निमंत्रण मिला है, उनमें सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारूक, आसिया अंदराबी, शब्बीर शाह, आगा सैयद हसन और मुहम्मद यूसुफ नकाश शामिल हैं। निमंत्रित लोगों से कहा गया है कि वे कश्मीर विवाद पर और इसके भारत-पाकिस्तान संबंधों पर पड़ने वाले असर पर अपनी बात रखें। साथ ही 'भारत में हिंदू दक्षिणपंथियों के उभार' पर भी उनसे अपनी बात रखने को कहा गया है।

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ऐसा ही एक सम्मेलन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में 2008 में हुआ था। उसमें नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मौलवी इफ्तेखार अंसारी ने भी हिस्सा लिया था।