अपनी हार नहीं, त्रिपुरा में लेफ्ट की करारी हार पर कांग्रेस के इस नेता ने बयां किया अपना दर्द

कांग्रेस पार्टी पहले मुख्य विपक्षी हुआ करती थी जहां इस चुनाव में उसका सूपड़ा साफ हो गया है. 

अपनी हार नहीं, त्रिपुरा में लेफ्ट की करारी हार पर कांग्रेस के इस नेता ने बयां किया अपना दर्द

कांग्रेस नेता जयराम रमेश.

खास बातें

  • त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आए हैं चुनाव परिणाम
  • त्रिपुरा में लेफ्ट की करारी हार और कांग्रेस का सूपड़ा साफ
  • लेफ्ट की हार पर अफसोस जता रहे हैं कांग्रेसी नेता.
नई दिल्ली:

त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों के परिणामों ने साफ कर दिया कि अब सत्ता बीजेपी के हाथ में है और यहां पर 25 सालों से जारी लेफ्ट का शासन पुरानी बात हो गई है. बीजेपी की इस जीत में युवाओं और महिलाओं की ज्यादा भूमिका मानी जा रही है.  लेफ्ट की सरकार अपने काम को लोगों को समझाने में नाकामयाब रही और लोगों ने बीजेपी पर विश्वास जताया है. कांग्रेस पार्टी पहले मुख्य विपक्षी हुआ करती थी जहां इस चुनाव में उसका सूपड़ा साफ हो गया है. 

कांग्रेस की इतनी बुरी स्थिति के बावजूद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को अपनी पार्टी की हार से ज्यादा लेफ्ट की चिंता सता रही है.

एएनआई के मुताबिक रमेश ने कहा कि भारत में लेफ्ट को मजबूत होना चाहिए. लेफ्ट का खात्मा भारत के लिए त्रासदी होगी. रमेश ने कहा कि हम राजनीतिक विरोधी हैं, लेकिन मैं उन लोगों में हूं जो सबसे पहले कहूंगा कि भारत लेफ्ट के खात्मे  को सहन नहीं कर सकता. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लेफ्ट को अपने विचारों में बदलाव लाना चाहिए. लोगों की और समाज की उम्मीदें बदल रही हैं. 
 


बता दें कि उत्तर पूर्व के तीन राज्यों में हुए चुनावों के परिणाम शनिवार को आए हैं. इन चुनावों के बाद पहली बार बीजेपी त्रिपुरा में सरकार बनाने जा रही है. मेघालय और नागालैंड में भी बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सरकार में साझीदार होगी. इसी के साथ बीजेपी और सहयोगियों के हाथ में 22 राज्य आ गए हैं. 

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