जल्लीकट्टू पर बैन : मरीना बीच पर जमा हुए हज़ारों प्रदर्शनकारी, पेटा पर पाबंदी की मांग

जल्लीकट्टू पर बैन : मरीना बीच पर जमा हुए हज़ारों प्रदर्शनकारी, पेटा पर पाबंदी की मांग

चेन्नई:

बैलों से इंसानों की लड़ाई के परंपरागत खेल जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक बताते हुए उस पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर विद्यार्थियों, तकनीकी कामगारों, अभिनेताओं तथा राजनेताओं ने हज़ारों की संख्या में एक साथ आकर पूरे राज्य में प्रदर्शन किए. राजधानी चेन्नई के मरीना बीच पर मंगलवार रात से ही लगभग 3,000 लोग इकट्ठा हो गए थे, और इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने इस बीच बुधवार को कहा कि वह इन विरोध प्रदर्शनों में 'दखल' नहीं देगी.

मरीना बीच पर मौजूद प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम उनसे बात करें, और जल्लीकट्टू को अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालें, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया है.

प्रदर्शनकारियों ने पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) पर भी पाबंदी लगाए जाने की मांग की है, जिसने इस खेल पर प्रतिबंध लगवाने के लिए जमकर लॉबीइंग की थी.

वैसे, अब तक प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन चेन्नई के बीचोंबीच इस तरह इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना चिंताजनक माना जा रहा है. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन नाकाम रही.

तमिलनाडु के मंत्रियों जयकुमार तथा पांडियाराजन ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और आश्वासन दिया सरकार उनसे सहमत है तथा अध्यादेश लाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करेगी. राज्य सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी विकल्प भी तलाश रही है.


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