जम्मू-कश्मीर : बीजेपी विधायक के वैष्णो देवी के नाम पर शपथ लेने से खड़ा हुआ विवाद

रवींद्र रैना की फाइल फोटो

जम्मू:

लगता है जम्मू कश्मीर की गठबंधन सरकार को विवादों से मुक्ति शायद ही मिल पाए। ताजा विवाद उठ खड़ा हुआ है बीजेपी के एक विधायक के वैष्णो देवी के नाम पर शपथ ग्रहण से। शुरू में नौशेरा से विधायक रविंद्र रैना को इसकी इजाजत नहीं दी गई थी पर बाद में विधायक की जिद की वजह से इजाजत मिली तो विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर बवाल खड़ा कर दिया। इसको लेकर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ।

जब बीजेपी के विधायक रविंद्र रैना ने शपथ में कहा कि मैं माता वैष्णो देवी के नाम की शपथ लेता हूं। तो इसके बाद शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई कि ये शपथ का सही तरीका नहीं है। नेशनल कांफ्रेस और सीपीएम ने कहा कि सदस्य ईश्वर के नाम पर शपथ ले सकते हैं माता वैष्णव देवी के नाम पर नहीं। जब विवाद बढ़ा तो रविंद्र रैना ने सदन में मौजूद सदस्यों से कहा कि वह वैष्णो देवी को ईश्वर के रूप में मानते हैं। तब जाकर विवाद कुछ थमा।

रैना बीजेपी के जम्मू कश्मीर यूथ विंग के प्रमुख हैं। पार्टी में आने से पहले वे आरएसएस में रह चुके हैं। शपथ के बाद रैना ने तिरंगा फहराया और भारत माता जय के नारे भी लगाए।

मंगलवार को ही मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद सहित विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पद की शपथ ली। विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में सदन के अस्थायी अध्यक्ष मुहम्मद शफी ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ लेने वाले प्रमुख विधायकों में मुफ्ती एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ-साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल रहे। दो विधायकों- लाल सिंह और पवन गुप्ता ने डोगरी में शपथ ली। वहीं, नौशेरा से विधायक रवींद्र रैना ने ईश्वर के बजाय माता वैष्णो देवी के नाम पर शपथ लेने का आग्रह किया, जिसकी अनुमति पीठासीन अधिकारी ने विचार-विमर्श के बाद दे दी।

शपथ ग्रहण समरोह में उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह को छोड़ कर सभी बीजेपी के विधायकों ने डोगरा पगड़ी पहन रखी थी। विधानसभा का छह साल का कार्यकाल मंगलवार से शुरू होता है। आज से ही विधायकों को वेतन, भत्ते, सुविधाएं एवं विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा।

विधानसभा में 87 निर्वाचित और दो मनोनीत सदस्य हैं, जो महिलाएं हैं। राज्य विधानसभा में महिलाओं को नुमाइंदगी देने के उद्देश्य से दो महिलाओं का मनोनयन विधायक के रूप में किया गया है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 दिसंबर, 2014 को की गई थी और 12वीं राज्य विधानसभा का गठन पहली जनवरी को हुआ था।

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लेकिन चूंकि यहां किसी भी राजनीतिक दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था, इसलिए आठ जनवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। जिस वजह से नवनिर्वाचित विधायक शपथ नहीं ले पाए। विधानसभा के में स्थाई अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को किया जाएगा, जब राज्यपाल के अभिभाषण से सदन का बजट सत्र शुरू होगा। राज्य में पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के मुताबिक बीजेपी के कवींद्र गुप्ता का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।