साइकिल से चलते आईपीएस अफसर बसंत रथ.(फाइल फोटो)
खास बातें
- जम्मू-कश्मीर के चर्चित आईपीएस बसंत रथ का तबादला
- श्रीनगर के मेयर से हुई थी ट्विटर पर तीखी बहस
- आईपीएस के ट्रांसफर पर लोग उठा रहे हैं सवाल
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के चर्चित आइपीएस और पुलिस महानिरीक्षक बसंत कुमार रथ (IG Traffic Basant Rath) के ट्रांसफर पर सोशल मीडिया पर लोग नाराज हैं. वह खुलकर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं. लीक से हटकर अपनी कार्यशैली के चलते बसंत रथ सोशल मीडिया से लेकर आम जन में अक्सर चर्चा का विषय बनते रहे हैं. लोकप्रिय आईपीएस अधिकारी को हटाने के शासन के फैसले के लिए श्रीनगर नगर निगम के मेयर जुनैद मट्टू को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि रथ के यातायात पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नियुक्त होने के बाद एक साल से भी कम समय में जम्मू कश्मीर में यातायात प्रणाली को सुव्यवस्थित कर देने का श्रेय दिया जाता है. वर्ष 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी और महापौर जुनैद मट्टू के बीच हुए ट्विटर पर हुई तीखी बहस के चार दिन बाद सरकार ने उनका तबादला कर दिया. कश्मीर की कई बार करने वाले अमित त्यागी ने पोस्ट किया, ‘‘वे कहते हैं, चु.'' कई टि्वटर यूजर ने रथ के पक्ष में वोट किया. आइजी ट्रैफिक बसंत रथ से अब यातायात विभाग की जिम्मेदारी छीनते हुए उन्हें होमगार्ड एसडीआरएफ से संबद्ध कर दिया गया.अब जम्मू-कश्मीर में ट्रैफिक विभाग की कमान आलोक कुमार को दी गई है. वह अभी तक पुलिस की सिक्योरिटी विंग में तैनात थे.
आईपीएस बसंत रथ के ट्रांसफर पर उनके फेसबुक पेज पर कुछ यूं अफसोस जाहिर कर रहे लोग.( देखें कमेंट)
एक अन्य ट्विटर यूजर नकी युसूफ ने आईपीएस अधिकारी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘एक व्यक्ति ने अपने बूते यातायात समस्या का समाधान करने के साथ - साथ कानून व्यवस्था को बनाये रखा. अब उनका तबादला हो गया।'' माजिद मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘ इस भ्रष्ट देश में रथ के लिए कोई स्थान नहीं है.बता दें कि बसंत रथ ने नौ फरवरी को जम्मू में पुलिस महानिरीक्षक (यातायात) का पद संभाला था. तब से 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी की तारीफ यातायात को व्यवस्थित करने के नवीन तरीकों को लेकर हो रही थी. हालांकि सोशल मीडिया पर खुलकर विचार व्यक्त करने के लिए उनकी आलोचना भी हो रही थी. जम्मू के व्यस्त चौराहों पर यातायात को संभालने वाले रथ के वीडियो और फोटो इंटरनेट पर खूब वायरल हुए और कई लोगों ने उनकी तुलना सिंघम तथा दबंग से की. बगैर वर्दी के ड्यूटी के चलते उन्हें तत्कालीन डीजीपी एसपी की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी. वैद्य ने उन्हें नसीहत भरा पत्र जारी किया था. (इनपुट-भाषा से भी)