आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल, किसी को मारना सुरक्षाबलों का उद्देश्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट से केंद्र

आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल, किसी को मारना सुरक्षाबलों का उद्देश्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट से केंद्र

जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

खास बातें

  • पैलेट गन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प पर तौर पर
  • ये कोई आम प्रदर्शनकारी नहीं हैं
  • पैलेट गन के विकल्प पर भी विचार कर रहा है केंद्र
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में प्रदशर्नकारियों पर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की याचिका पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पैलेट गन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प पर तौर पर किया जा रहा है. किसी को मारना सुरक्षा बलों का उद्देश्य नहीं है.रविवार को उपचुनाव के दौरान कश्मीर में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई. ये कोई आम प्रदर्शनकारी नहीं हैं, जिन पर आसानी से काबू पा लिया जाए. प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए नया SOP बनाया गया है. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह पैलेट गन के अलावा किसी दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रहा है. ये स्कंक वाटर है जो पानी में कैमिकल के साथ इस्तेमाल होता है. यह तरीका इस्राइल में प्रयोग होता है.

कश्मीर में प्रदशर्नकारियों पर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि पैलेट गन के विकल्प पर विचार करें ताकि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि ऐसे किसी विकल्प को देखे जिससे दोनों पक्षों को नुकसान न पहुंचे. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदर्शन करने वालों को नुकसान पहुंचाना सुरक्षाबलों का मकसद नहीं होता, लेकिन उसी समय अपने आपको बचाना, टीम को बचाना और सम्पत्ति को बचाना होता है. कोर्ट ने कहा- प्रदर्शनकारियों पर गंदा पानी, टेजर्स गन का इस्तेमाल किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा इस्तेमाल करने वाले पैलेट गन को बंद करने की मांग की गई है.


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