जाट आंदोलन में हिंसा : 90 अफसर दोषी, जांच कमेटी ने कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ा

जाट आंदोलन में हिंसा : 90 अफसर दोषी, जांच कमेटी ने कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ा

जाट आंदोलन के दौरान जलाई गई बस (फाइल फोटो)

चंडीगढ़:

जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पुलिस और प्रशासन की भूमिका के लिए बनी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच कमेटी ने 90 अफसरों को दोषी पाया है लेकिन कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया है। अपनी ओर से कोई सिफारिश नहीं की है।

दंगाइयों को खुली छूट दी गई
इस साल फरवरी के तीसरे हफ्ते में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा जलता रहा। रोहतक, सोनीपत, हिसार और झज्जर सहित कई इलाकों में जैसे दंगाइयों की हुकूमत चलती रही। अब यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने माना है कि राज्य की प्रशासनिक मशीनरी बुरी तरह नाकाम रही। रिपोर्ट सौंपने के बाद उन्होंने बताया कि कम से कम 90 अफसर अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे। इनमें से एक-तिहाई अफसर रोहतक के हैं। कमेटी ने कुछ आईएएस-आईपीएस अफसरों की शिनाख्त भी की है। कमेटी ने माना कि कई जगह दंगाइयों को खुली छूट दी गई।

सरकार को गोपनीय रिपोर्ट भी सौंपी
प्रकाश सिंह कमेटी ने 414 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करने के अलावा सरकार को 37 पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट भी दी है। रिपोर्ट देने से पहले कमेटी ने करीब डेढ़ सौ वीडियो देखे, सवा दो हजार चश्मदीद गवाहों से बात की, 395 लोगों के बयान दर्ज किए और सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसी तक से पूछताछ की। लेकिन दोषी अफसरों पर कार्रवाई का फैसला सरकार पर छोड़ दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार शीघ्र उचित कार्रवाई करेगी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि रिपोर्ट मिल गई है और सरकार शीघ्र उचित कार्रवाई करेगी। कांग्रेस पूरी कमेटी की नीयत पर सवाल उठा रही है। पार्टी प्रवक्ता रंदीप सुरजेवाला का कहना है कि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा ने आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचाया, पूरे हरियाणा की साख खराब की है। सिर्फ मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमीशन ही सच्चाई सामने ला सकता है।


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