यह ख़बर 19 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जाट आंदोलनकारियों का रेल चक्का जाम समाप्त

खास बातें

  • आंदोलनरत जाट समुदाय के नेताओं ने कहा कि उन्होंने दो सप्ताह से चल रहे अपने रेल चक्का जाम को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
अमरोहा:

सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत जाट समुदाय के नेताओं ने शनिवार को कहा कि उन्होंने दो सप्ताह से चल रहे अपने रेल चक्का जाम को यहीं समाप्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन आरक्षण की मांग को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा। जाट नेता सतपाल चौधरी ने अमरोहा में कहा, "हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं इसलिए हमने काफूपुर रेलवे स्टेशन के पास रेल पटरी पर जारी धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया है।" जाट नेताओं ने कहा कि हालांकि आंदोलनकारी रेलगाड़ियों को नहीं रोकेंगे, लेकिन रेल पटरियों के किनारे धरना जारी रहेगा। ज्ञात हो कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए खुद को ओबीसी की सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर जाट समुदाय के प्रदर्शनकारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रमुख रेल मार्गों को अवरुद्ध किए हुए हैं। इस आंदोलन के कारण दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश जारी किया कि वह जाट समुदाय द्वारा अवरुद्ध की गई रेल सेवा को बहाल कराए। चौधरी ने कहा, "हम फिलहाल यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने केवल रेल पटरी से हटने का निर्णय लिया है। लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारा धरना जारी रहेगा, लेकिन हम रेल चक्का जाम नहीं करेंगे।" जाट नेताओं के इस निर्णय के पहले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों व एक राज्य मंत्री ने जाट नेताओं के एक समूह से मुलाकात की। ऑल इंडिया जाट आरक्षण समिति (एआईजेएएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, "हमने उच्च न्यायालय के निर्देश को मानते हुए खुद से यह निर्णय लिया है और इसका राज्य सरकार के साथ हमारी बातचीत से कुछ भी लेना-देना नहीं है।" मलिक ने कहा, "हमारा आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ है, क्योंकि आरक्षण सम्बंधी हमारी मांग पर केवल वही विचार कर सकती है। इस सम्बंध में आज केंद्रीय गृह मंत्री से हमारी चर्चा होनी है। चर्चा के बाद हम अपनी भावी रणनीति बनाएंगे।" मलिक, अन्य जाट नेताओं सहित शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम से बातचीत करने नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। मलिक ने दिल्ली के लिए प्रस्थान करने से पहले संवाददाताओं को बताया, "15-20 जाट नेताओं का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम से मुलाकात करेगा। हरियाणा के जाट भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।" मलिक, पांच मार्च से ही अमरोहा में रेल पटरी पर जारी धरने का नेतृत्व कर रहे हैं। मलिक ने कहा, "हमने स्पष्ट किया है कि हमारा विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि केंद्र सरकार हमारी मांग पूरी करने के लिए समुचित कदम नहीं उठाती। फिलहाल हम अमरोहा में ही अपना आंदोलन जारी रखेंगे तथा अन्य स्थलों को निशाना नहीं बनाएंगे। लेकिन यदि केंद्र सरकार ने जाट समुदाय को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के तहत केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण देने के लिए कोई कदम नहीं उठाती, तो हम आंदोलन तेज करेंगे और फिर देशभर में आंदोलन किया जाएगा।"


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