जयललिता का निधन : तमिलनाडु के लिए उथलपुथल वाला रहता है दिसंबर का महीना

जयललिता का निधन : तमिलनाडु के लिए उथलपुथल वाला रहता है दिसंबर का महीना

जयललिता के निधन के बाद उनके समर्थक शोक में डूबे हैं

चेन्नई:

साल का आखिरी महीना दिसंबर तमिलनाडु में अक्सर उथलपुथल ले कर आता है. राज्य में सूनामी और बाढ़ की प्राकृतिक आपदाओं का कहर दिसंबर में टूटा तथा अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचंद्रन की मृत्यु और उसके बाद अब अन्नाद्रमुक की प्रमुख और मुख्यमंत्री जे जयललिता का निधन भी दिसंबर माह में ही हुआ.

अन्नाद्रमुक के संस्थापक, करिश्माई अभिनेता और फिर राजनीति में आकर राज्य के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभालने वाले एमजी रामचंद्रन का निधन 24 दिसंबर 1987 को हुआ था, जबकि उनकी अनुयायी जयललिता ने पांच दिसंबर को अपनी आखिरी सांस ली. दोनों नेता निधन से पहले लंबे समय तक बीमार रहे और उनका उपचार किया जाता रहा.

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भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी का निधन 25 दिसंबर 1972 को, जबकि तर्कवादी नेता 'पेरियार' ईवी रामासामी का निधन 24 दिसंबर 1972 को हुआ था. दोनों की ही उम्र 94 साल थी.

प्रकृति ने भी साल के अंतिम माह दिसंबर में ही राज्य में कहर बरपाया था. तमिलनाडु में 26 दिसंबर 2004 को भीषण सूनामी आई थी, जबकि दिसंबर 2015 में अभूतपूर्व मूसलाधार बारिश हुई थी, जिसके खौफ से चेन्नई, कांचीपुरम, कुड्डालोर, तिरुवल्लूर और तूतुकुड़ी के लोग अब तक नहीं उबर पाए हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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