अनुच्छेद 370 पर सवाल को नीतीश कुमार ने टाला, राज्यसभा में जेडीयू के नेता ने कहा- ....अब बीजेपी का ही एजेंडा चलेगा

मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन संबंधी बिल राज्यसभा में आसानी से पास करवा लिया था. उसकी  सहयोगी जेडीयू के विरोध के बाद भी सरकार को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उसको बीएसपी, एआईए़डीएमके और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिल गया था.

अनुच्छेद 370 पर सवाल को नीतीश कुमार ने टाला, राज्यसभा में जेडीयू के नेता ने कहा- ....अब बीजेपी का ही एजेंडा चलेगा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

खास बातें

  • नीतीश कुमार ने सवाल को टाला
  • राज्यसभा सांसद ने कहा- अब बीजेपी का ही एजेंडा चलेगा
  • अनुच्छेद 370 बना गले की फांस
पटना:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मुद्दे पर आधिकारिक रूप से भले ही लोकसभा और राज्यसभा में जनता दल यूनाइटेड ने विरोध किया हो लेकिन यह अब पार्टी के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है.  हालांकि इस मुद्दे पर जनसमर्थन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड के कारण नाराज़गी के बाद राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने सफ़ाई दी थी कि चूंकि इस संबंध में बिल पारित हो गया है और नया क़ानून बन गया हैं इसलिए अब पार्टी पूरी तरह केंद्र सरकार के पीछे है. लेकिन पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार ने अधिकारिक रूप से इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं कहा है. शुक्रवार को नीतीश कुमार राज्य में जल,जीवन, हरियाली नाम के कार्यक्रम के शुरुआत करने के बाद जब पत्रकारों ने उनसे  केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 के अधिकांश अनुच्छेद ख़त्म करने पर सवाल किया तो नीतीश कुमार का जवाब था 'आज कुछ और चीज़ पर ध्यान दीजिए' इस जवाब से साफ़ है कि फ़िलहाल नीतीश इस विषय पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं इसलिए पत्रकारों के सवाल का जवाब वो टाल गये. हालांकि इस बीच जनता दल यूनाइटेड ने भाजपा को ख़ुश करने के लिए ये भी अधिकारिक रूप से कह दिया हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर अब किसी साझा न्यूनतम कार्यक्रम की आवश्यकता नहीं है. इसका तर्क पार्टी के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने ये दिया कि बीजेपी को अपना बहुमत हासिल है इसलिए अब वही एजेंडा चलेगा जो बीजेपी के घोषणापत्र में है. 

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गौरतलब है कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन संबंधी बिल राज्यसभा में आसानी से पास करवा लिया था. उसकी  सहयोगी जेडीयू के विरोध के बाद भी सरकार को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई क्योंकि उसको बीएसपी, एआईए़डीएमके और आम आदमी पार्टी का समर्थन मिल गया था. हालांकि जेडीयू ने काफी पहले ही बता दिया था कि वह ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर सरकार को समर्थन नहीं करेगी. 

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हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद की खबरें आई हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में उम्मीद के मुताबिक जगह नहीं मिली तो भी पार्टी की ओर से अंदरखाने में नाराजगी की खबरें आई थीं. 
 

हम धारा 370 को हटाए जाने का विरोध करते हैं - केसी त्यागी​

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