यह ख़बर 19 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

झारखंड में चार जजों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

खास बातें

  • मंत्रिमंडल ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर इन न्यायाधीशों के खिलाफ जांच की थी और उसमें इनका आचरण उचित नहीं पाया गया।
रांची:

झारखंड सरकार ने सोमवार को राज्य के धनबाद, रांची और दुमका के चार न्यायाधीशों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया। झारखंड के मंत्रिमंडल सचिव आदित्य स्वरुप ने बताया कि मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की सोमवार को रांची में हुई बैठक में यह फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर इन न्यायाधीशों के खिलाफ जांच की थी और उसमें इनका आचरण उचित नहीं पाया गया। जांच के आद धनबाद और दुमका के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमश: सुधीर कुमार सिन्हा और रागेन्द्र नाथ राय, रांची के उप न्यायाधीश और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ब्रिजेशचंद्र झा एवं उपन्यायाधीश दामोदर प्रसाद को जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। झारखंड सेवा नियमावली की धारा 74 के तहत राज्य के किसी भी न्यायिक अधिकारी को जांच में आचरण ठीक न पाए जाने पर तीस वर्ष की सेवा अथवा पचास वर्ष की उम्र पार करने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।


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