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नई दिल्ली:
कभी टेंडर हथियाने को लेकर एनटीपीसी के अधिकारियों को धमकी तो कभी पुलिसवालों से मारपीट, कभी कोयला कारोबारियों से रंगदारी वसूलना तो कभी अपहरण। झारखंड के हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में कृषिमंत्री और कांग्रेस विधायक योगेंद्र साव को झारखंड और दिल्ली पुलिस ने मिलकर शकूरपुर की एक प्लेसमेंट एजेंसी से गिरफ्तार कर लिया।
यहां वो अपने एक साथी पन्नालाल महतो से मिलने पहुंचा था। उनके ख़िलाफ़ 15 सितंबर को हज़ारीबाग की एक कोर्ट से ग़ैरज़मानती वारंट जारी हुआ था।
झारखंड पुलिस के मुताबिक योगेंद्र साव के ख़िलाफ़ क़रीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। वह झारखंड टाइगर ग्रुप और झारखंड बचाओ आंदोलन नाम से दो संगठन भी चलाता है। इनके ज़रिये उनपर नक्सली गतिविधियों में शामिल रहने और कोयला खदान मालिकों से रंगदारी वसूलने के आरोप हैं।
सितंबर के पहले हफ्ते में झारखंड टाइगर ग्रुप के पांच गुर्गों को हथियारों के साथ पकड़ा गया था। इनमें से एक आरोपी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि उनका मास्टरमाइंड कांग्रेस विधायक योगेंद्र साव है।
झारखंड पुलिस में आईजी अनुराग गुप्ता की मानें तो झारखंड सीआईडी की एक टीम कई दिनों से दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर योगेंद्र पर नजर बनाए हुए थी। वहीं, क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर रविंद्र यादव का कहना है कि योगेंद्र करीब
15 दिन पहले झारखंड में मंत्रिपद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली आकर पहाड़गंज के एक होटल में रह रहा था।
क्राइम ब्रांच के एडिश्नल कमिश्नर के मुताबिक अब तक योगेंद्र के गैंग के 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। कई नक्सली और अपराधी उसका नाम ले चुके थे, लेकिन वह अपने ऊंचे रसूख के चलते बचता रहा।