खास बातें
- आतंकी बुरहान वानी को क्रांतिकारी कहा
- क्रांतिकारी चे ग्वेरा से तुलना की
- खालिद देशद्रोह के मामले में जमानत पर है
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेता उमर खालिद ने इस हफ्ते सुरक्षाबलों द्वारा ढेर किए गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर बुरहान वानी को क्रांतिकारी बताकर रविवार को एक और विवाद खड़ा कर दिया। खालिद जेएनयू परिसर में कथित देश विरोधी नारेबाजी को लेकर देशद्रोह के मामले में जमानत पर है ।
उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में चे ग्वेरा के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा, 'मुझे अपने मरने का गम नहीं रहेगा अगर कोई मेरी बंदूक उठाकर उसे चलाता रहेगा, ये शब्द चे ग्वेरा के थे, लेकिन यही शब्द बुरहान वानी के भी रहे होंगे।' खालिद ने हालांकि कुछ घंटे बाद अपने पोस्ट को हटा लिया ।
उन्होंने वानी को बहादुर बताते हुए उसकी तारीफ की और कहा, 'बुरहान मौत से नहीं डरता था, वह गुलामी के साये में रहने वाली जिंदगी से डरता था। वह इससे नफरत करता था। वह आजाद इंसान की तरह जिया, आजाद मरा..।'
इस पर जेएनयू छात्रसंघ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एकमात्र सदस्य सौरभ शर्मा ने एक बयान में कहा, 'अफजल गुरु का समर्थन करने के बाद खालिद ने अब बुरहान के प्रति सहानुभूति जताई है, यह आतंकवादियों से उसके जुड़ाव और समर्थन का संकेत है। इस तरह के राष्ट्रविरोधी तत्व समाज के लिए आतंकवादियों से भी ज्यादा खतरनाक हैं। मैं मांग करता हूं कि उसकी जमानत रद्द की जानी चाहिए और उसके संबंधों के बारे में जांच की जानी चाहिए।'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)