JNU हिंसा में शामिल इस लड़की का मिला दिल्ली पुलिस को सुराग? पूछताछ के लिए छात्रा को भेजा नोटिस

जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दौलतराम कॉलेज की एक लड़की को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. पुलिस को शक है कि यह वही लड़की हो सकती है जो जिसकी नकाब पहने तस्वीर सामने आई थी.

JNU हिंसा में शामिल इस लड़की का मिला दिल्ली पुलिस को सुराग? पूछताछ के लिए छात्रा को भेजा नोटिस

खास बातें

  • जेएनयू हिंसा मामला
  • दौलतराम कॉलेज की छात्रा को भेजा नोटिस
  • इसी हफ्ते होगी पूछताछ
नई दिल्ली:

जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दौलतराम कॉलेज की एक लड़की को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. पुलिस को शक है कि यह वही लड़की हो सकती है जो जिसकी नकाब पहने तस्वीर सामने आई थी. हालांकि पुलिस का कहना है कि  लड़की का चेहरा नहीं दिख रहा इसलिए पूछताछ के बाद पता चलेगा कि लड़की वो है या नहीं. जिस लड़की को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है उससे इसी हफ्ते पूछताछ होनी है. पुलिस इसके अलावा वॉट्स एप ग्रुप 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' में  शामिल 37 लोगों को भी पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है. पुलिस की एसआईटी यह पूछताछ आज से शुरू कर रही है. हालांकि इनमें जिन छात्राओं से पूछताछ होनी है उनको एसआईटी के ऑफिस नहीं आना होगा. महिला अधिकारी उनसे बताई जगह पर पूछताछ करने जाएंगी. वीडियो के जरिये जिन 9 छात्र छात्राओं की पहचान हुई थी,उनसे भी आज से पूछताछ होगी. 

दूसरी ओर इसी मामले में कांग्रेस की एक टीम ने भी पड़ताल की है.  कमेटी ने तथ्यों की जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार की है. बीते शनिवार यह रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंपी गई. कमेटी ने बताया कि उन्होंने सभी पक्षों से बात करने की कोशिश की लेकिन JNU प्रशासन और ABVP कार्यकर्ताओं ने उनसे बात नहीं की. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जो प्रस्ताव दिए हैं, उनके अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) एम. जगदीश कुमार को बर्खास्त किया जाए. VC की नियुक्ति के बाद से JNU में की गई हर नियुक्ति और फैसलों की न्यायिक जांच की मांग की गई है. JNU हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को ही जिम्मेदार न माना जाए बल्कि कुलपति, शिक्षक और सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, क्योंकि इसके पीछे इन सबकी साजिश की आशंका है. JNU में फीस बढ़ोतरी वापस होनी चाहिए क्योंकि इसके बाद JNU सबसे महंगा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया है.

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कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में वीसी जगदीश कुमार से सवाल किए हैं कि पांच जनवरी की प्रेस रिलीज में साबरमती हॉस्टल का जिक्र क्यों नहीं है जबकि वहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी. अगर 3 जनवरी को सर्वर रूम बंद करवाने के बाद अगले दिन ठीक कर लिया गया तो फिर 4 तारीख को दोबारा इसके बंद होने के बाद सर्वर क्यों नहीं चला. क्या ऐसा इसलिए किया गया था कि VC को मालूम था कि 5 जनवरी को कैंपस में गुंडे आएंगे.