यह ख़बर 13 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सरकार जेपीसी जांच पर राजी हो सकती है : कांग्रेसी नेता

खास बातें

  • बजट सत्र में अभी काफी वक्त है लेकिन अगर यह स्पष्ट हो गया कि शीतकालीन सत्र की तरह यह सत्र भी नहीं चल सकेगा तो जेपीसी के गठन पर सहमति हो सकती है।
New Delhi:

सरकार संसद के बजट सत्र को हंगामें की भेंट चढ़ने से बचाने के उद्देश्य से टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति :जेपीसी: गठित करने पर राजी हो सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर इस आशय का संकेत दिया। उन्होंने कहा, बजट सत्र में अभी काफी वक्त है लेकिन अगर यह स्पष्ट हो गया कि शीतकालीन सत्र की तरह यह सत्र भी नहीं चल सकेगा तो जेपीसी के गठन पर सहमति हो सकती है। जेपीसी के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते टकराव पर पार्टी के अंदर बढ़ती चिंता के मद्देनजर यह बयान महत्व रखता है। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच बने गतिरोध के दूर होने के कोई संकेत न दिखने के बीच सत्तारूढ पार्टी नेता उम्मीद पर उम्मीद लगाये बैठे हैं कि जेपीसी के मुद्दे पर जल्द कोई रास्ता निकल आएगा। पार्टी के एक अन्य नेता की टिप्पणी थी कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के संसद के काम नहीं कर पाने का संदेश हमारे लिए अच्छा नहीं है। संसद का बजट सत्र करीब तीन महीने चलता है और यह सबसे लंबा सत्र होता है। इसकी शुरूआत फरवरी के तीसरे हफ्ते में होती है और यह मई तक चलता है। बीच में तीन हफ्ते का अंतराल होता है।


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