सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

याचिकाकर्ता तहसीन के वकील ने कहा कि जज लोया की पोस्टमार्टम नागपुर के कुंडा में किया गया उसका कोई दस्तावेज नहीं है. ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो ये बताए कि उनको कहां ले जाया गया कोई बयान दर्ज नही किए गए.

सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की याचिका सुप्रीम कोर्ट में
  • आज इस पर सुनवाई करेगा कोर्ट
  • सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है
नयी दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट आज में आज सीबीआई जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कई याचिकाएं दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. वही पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा कि जज लोया की बॉडी को मुंबई की जगह दूसरे जगह क्यों ले जाया गया जबकि पूरा परिवार मुम्बई में था. ईसीजी इस लिए नहीं हो पाई की मशीन खराब थी, ऐसे में बयान अपने आप में विरोधाभासी है.

किसी भी डॉक्टर या सबूतों को वेरिफाई नहीं किया गया. कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हैं. इस मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए ताकि लोगों को पता चले कि वाकई में क्या हुआ था. याचिकाकर्ता तहसीन  के वकील ने कहा कि जज लोया की पोस्टमार्टम नागपुर के कुंडा में किया गया उसका कोई दस्तावेज नहीं है. ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो ये बताए कि उनको कहां ले जाया गया कोई बयान दर्ज नही किए गए, सीताबर्डी पुलिस का उसमें कोई अधिकार क्षेत्र नही बनता. 7 फरवरी 2016 को मौत की रिपोर्ट को दर्ज किया गया सवाल उठता है कि इसे कैसे किया गया, जबकि दस्तावेज कुछ और कह रहा है.

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ये कमीशन के लिए संभव क्यों नही है कि बयानों को दर्ज किया जाए अगर वो उपलब्ध हैं तो. किसी भी डॉक्टर का बयान दर्ज नही किया गया जबकि वो मौके पर मौजूद थे. किसी भी डॉक्टर का बयान सही तरीके से नहीं लिया गया.  महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि पहले दस्तावेजों को देख लें. हरीश साल्वे ने कहा कि सबके बयानों को दर्ज किया गया. चिकाकर्ता के वकील दुष्यन्त दवे ने कहा कि वो इस मामले में दो जजों समेत 11 गवाहों से जिरह करना चाहते हैं. वही तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा कि जज लोया का सही तरीके से ECG नही किया गया. क्या दांडे हॉस्पिटल में ECG किया गया ये भी एक सवाल है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कही भी दिमाग पर चोट के बारे में नही गया ऐसे में न्यूरोसर्जन  की राय क्यों नही ली गई.


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