कस्टडी में पिता-पुत्र की मौत को लेकर कमल हासन का हमला- 'मुख्यमंत्री को बताया मुख्य आरोपी'

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की मौत के बाद राज्यभर में आक्रोश है. मामले को लेकर राजनीति भी जारी है. अभिनेता-राजनेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर हमला बोला.

कस्टडी में पिता-पुत्र की मौत को लेकर कमल हासन का हमला- 'मुख्यमंत्री को बताया मुख्य आरोपी'

तूतीकोरिन में पिता-पुत्र की पुलिस कस्टडी में मौत पर मचा है घमासान.

नई दिल्ली:

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में पिता-पुत्र की मौत के बाद राज्यभर में आक्रोश है. मामले को लेकर राजनीति भी जारी है. अभिनेता-राजनेता कमल हासन (Kamal Haasan) ने मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर हमला बोला. कमल हासन ने मुख्यमंत्री के पलानीसामी को मामले का 'मुख्य आरोपी' बताया. बता दें कि तूतीकोरिन में अपने मोबाइल फोन की दुकान को अनुमति के घंटों से अतिरिक्त समय तक खुला रखने के कारण पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए पिता और पुत्र की मौत कथित रूप से पुलिस हिरासत में की गई टॉर्चर के कारण हो गई थी. 

कमल हासन और तमिल सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) ने आज पीड़ित परिवार से बात की. कमल हासन ने कहा कि, 'सरकार और मुख्यमंत्री जो पुलिस हत्याओं का आंख बंद करके समर्थन करते हैं, वे भी मुख्य आरोपी हैं. उन्होंने कहा कि इस अपराध को छुपाने की कोशिश करने वालों को सजा दी जानी चाहिए.' कमल हासन ने कहा, पुलिस के अतिवादी रवैये का समर्थन कर तमिलनाडु सरकार आतंकवाद की अनुमति देती है.'

बता दें कि पी जयराज और बेनिक्स को 19 जून को तूतीकोरिन में उनके मोबाइल फोन की दुकान से गिरफ्तार किया गया था. उनपर आरोप था कि दुकान को लॉकडाउन के दौरान अनुमति के घंटों से अतिरिक्त समय तक खुला रखने के कारण गिरफ्तार किया गया था. इसके चार दिन बाद अस्पताल में दोनों की मौत हो गई थी. परिवारवालों का आरोप था कि पुलिसवालों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा.

उधर, मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने प्रत्येक परिवार को 20 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. हालांकि उन्होंने मौतों पर शोक व्यक्त किया, लेकिन पुलिस यातना के आरोपों पर उनका बयान चुप था. उन्होंने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी. तूतीकोरिन की द्रमुक सांसद कनिमोझी ने इस मामले की पुलिस प्रमुख से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की है.मानवाधिकार ग्रुप पीपुल्स वॉच ने मजिस्ट्रेट पर भी उंगली उठाई है.

समूह की हेनरी टीफागने कहती हैं: "हमारी जांच से पता चलता है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट व्यक्तिगत रूप से पुरुषों से पहले नहीं मिले थे कि उन्हें रिमांड पर लिया गया था. वे वैन में छिपे हुए थे. यह कानून के विपरीत है. अगर वह उनसे मिलता, तो वे बता सकते थे कि क्या हुआ था और यातना के परिणामस्वरूप चोटों को दिखाया गया था.” कुछ साल पहले तूतीकोरिन में पुलिस ने गोलीबारी की जांच की थी, जिसमें 13 एंटी-स्टरलाइट प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


VIDEO: दलित की पुलिस हिरासत में मौत