JNU को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बनाने की कोशिश की जा रही है: कन्हैया कुमार

JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने NDTV के खास कार्यक्रम बिग फ़ाइट में JNU, जामिया में हुई हिंसा, छात्रों के आंदोलन और दिल्ली पुलिस की कारवाई समेत कई मुद्दों पर बात की.

नई दिल्ली:

JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने NDTV के खास कार्यक्रम बिग फ़ाइट में JNU, जामिया में हुई हिंसा, छात्रों के आंदोलन और दिल्ली पुलिस की कारवाई समेत कई मुद्दों पर बात की. कन्हैया ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार छात्रों के सवालों को सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने जेएनयू के बिगड़ते हालातों के लिए जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मौजूदा वाइस चांसलर यूनिवर्सिटी का संचालन करने में समर्थ नहीं है, जब से उन्हें जिम्मेदारी दी गई है विश्वविद्यालय किसी न किसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर ही रहा है. जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जेएनयू के छात्र फीस वृद्धि को लेकर लंबे वक्त से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन वीसी ने कभी भी छात्रों से संवाद नहीं किया. सभी कमेटियों को नजरअंदाज करते हुए फीस वृद्धि कर दी और जब छात्रों ने आवाज उठाई तो डेड लॉक की स्थिति पैदा कर दी. बकौल कन्हैया, वीसी ने छात्रों से व्हाट्सएप तक पर परीक्षाएं करने की बात कही. अब तक हम जिस व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की बात करते थे, वीसी साहब जेएनयू को वही व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बनाना चाहते हैं.  

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कन्हैया कुमार ने कहा कैंपस पढ़ाई-लिखाई की जगह है, यहां हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. फिर वह हिंसा लेफ्ट द्वारा हो या फिर राईट की तरफ से. लेफ्ट और राइट का नाम देकर हम असल मुद्दे से भटक जा रहे हैं. कन्हैया ने दिल्ली पुलिस पर भी पक्षापातपूर्ण तरीके से कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया. कन्हैया ने कहा कि जिस तरीके से शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस की, ऐसा लग रहा था कि मानों एबीवीपी की प्रेस कांफ्रेंस चल रही है. कन्हैया ने अपील की दिल्ली पुलिस और जेएनयू के वाइस चांसलर को निष्पक्ष होकर हिंसा की जांच करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए. 

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कई यूनिवर्सिटीज द्वारा चलाए जा रहे छात्रों के आंदोलनों के सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा कि इस देश में शिक्षा के हालात आज भी नहीं सुधरे हैं. सरकार छात्रों की समस्याओं को सुन नहीं रही है और उसके फंड में कटौती कर रही है. ऐसे में जब समय-समय पर समाज के भीतर से मुद्दे उभर कर बाहर आते हैं तो इन आवाजों में छात्रों की आवाज भी शामिल होती है. कन्हैया ने साफ किया सरकार जब तक कैंपसों के मुद्दे हल नहीं करती तब तक आंदोलन चलते रहेंगे.