यह ख़बर 13 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सिब्बल ने संभाला कानून मंत्रालय, जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता पर जोर

खास बातें

  • नवनियुक्त कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि कानूनी प्रक्रियाएं आर्थिक विकास में बाधक नहीं हों और न्यायाधीशों की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हो।
नई दिल्ली:

नवनियुक्त कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि कानूनी प्रक्रियाएं आर्थिक विकास में बाधक नहीं हों और न्यायाधीशों की नियुक्ति पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हो।

कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले सिब्बल ने अपने पूर्ववर्ती अश्वनी कुमार को हटाए जाने और उच्चतम न्यायालय में कोयला घोटाले पर सीबीआई के हलफनामे से जुड़े सवालों को टाल दिया।

सिब्बल ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ‘कम अवधि’ में कानून मंत्रालय द्वारा हासिल किए जाने वाले व्यापक उद्देश्यों को रेखांकित किया। सिब्बल के पास दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि कानूनी प्रक्रियाएं आर्थिक विकास में बाधक नहीं बननी चाहिए बल्कि ये इसकी गति बढ़ाने वाली होनी चाहिए।

संप्रग-2 के चार वर्ष के कार्यकाल में चौथे कानून मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले सिब्बल ने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का सरलीकरण और पारदर्शिता आवश्यक है।

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उनके बयान का महत्व है क्योंकि कुछ कराधान कानूनों को लेकर सरकार ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के साथ कानूनी लड़ाई में उलझी हुई है। इसे कुछ लोग विदेशी निवेशकों की भावनाओं को हतोत्साहित करने वाले प्रभाव के तौर पर देख रहे हैं।