Coronavirus के बीच कर्नाटक में आज से शुरू हो रही 10वीं की परीक्षा, अभिभावकों ने जताई चिंता

कर्नाटक में आज (गुरुवार) से 10वीं की परीक्षाएं (SSLC Exams) शुरू होने जा रही हैं. राज्य में 8 लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे लेकिन कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते परीक्षार्थियों के माता-पिता चिंतित हैं.

Coronavirus के बीच कर्नाटक में आज से शुरू हो रही 10वीं की परीक्षा, अभिभावकों ने जताई चिंता

कर्नाटक में आज से 10वीं की परीक्षा शुरू हो रही है. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कर्नाटक में आज से शुरू हो रही परीक्षा
  • परीक्षा केंद्रों की की गई साफ-सफाई
  • कोरोना के चलते अभिभावकों में खौफ
बेंगलुरु:

कर्नाटक में आज (गुरुवार) से 10वीं की परीक्षाएं (SSLC Exams) शुरू होने जा रही हैं. 8 लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे लेकिन कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते परीक्षार्थियों के माता-पिता चिंतित हैं. दरअसल राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कर्नाटक में कोरोना के मामले 10,000 पार हो चुके हैं. आज से शुरू होने जा रही परीक्षाओं के लिए संक्रमण के मद्देनजर सभी केंद्रों को साफ किया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कुछ परीक्षा केंद्रों पर जाकर व्यवस्था का जायजा लिया.

शिक्षा मंत्री ने परीक्षा कराने के राज्य सरकार के फैसले पर सहमति जताई. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह एक कर्तव्य है जिसे राज्य सरकार निभा रही है. हमारे राज्य में, 10वीं कक्षा एक छात्र के जीवन में एक मील का पत्थर है. हमने कई लोगों से सलाह ली और परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया. हमने हाईकोर्ट में एक SOP पेश की है, जिसने परीक्षा कराने को लेकर हरी झंडी दी है.'

परीक्षा को लेकर तैयारियों पर सुरेश कुमार ने कहा, 'बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. प्रत्येक कमरे में केवल 18 छात्रों को अनुमति दी जाएगी. अगर कमरा बड़ा है तो 20 छात्रों को अनुमति दी जाएगी. सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी. प्रत्येक छात्र का थर्मल स्कैनर के साथ परीक्षण किया जाएगा. यदि कोई छात्र मास्क भूल जाता है, तो परीक्षा केंद्र द्वारा मास्क मुहैया कराया जाएगा. सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा. हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वह केंद्रों के गेट पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें.'

कोरोना के चलते परीक्षा को लेकर कई अभिभावक चिंतित है. अभिभावक बच्चों को परीक्षा केंद्रों पर भेजने से इंकार कर रहे हैं. एक छात्रा के पिता कहते हैं, 'महामारी को देखते हुए यह सही समय नहीं है कि परीक्षाएं कराई जाएं. कोरोना के बढ़ते मामले डराने वाले हैं. लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं. यह अच्छा होता अगर सरकार परीक्षा 2-3 महीने बाद कराती तो. मैं अपनी बेटी को परीक्षा देने नहीं भेजूंगा. हर कोई डरा हुआ है. परीक्षा देने के लिए वह (छात्र) स्थिर स्थिति में नहीं हैं. भय की स्थिति है. वह परीक्षा कैसे लिख सकते हैं. वह लोग (राज्य सरकार) सिर्फ 8 लाख छात्रों को ही नहीं, बल्कि 8 लाख परिवारों की जान जोखिम में डाल रहे हैं.'

बता दें कि कर्नाटक में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी बेंगलुरु में 400 कंटेननेंट जोन हैं और रोजाना 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

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