यह ख़बर 16 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कर्नाटक संकट : प्रधामनंत्री से मिलेगा राजग

खास बातें

  • जेटली ने कहा, राजग केंद्र सरकर को रिपोर्ट भेजने के कर्नाटक के राज्यपाल के कदम की कड़ी निंदा करता है। राज्यपाल का आचरण पक्षपातपूर्ण है।'
New Delhi:

कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने पर राज्यपाल हंसराज भारद्वाज के खिलाफ कदम उठाते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से अपने समर्थक विधायकों की राष्ट्रपति के समक्ष परेड कराने को कहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा, राजग केंद्र सरकर को रिपोर्ट भेजने के कर्नाटक के राज्यपाल के कदम की कड़ी निंदा करता है। राज्यपाल का आचरण पक्षपातपूर्ण है। यह सभी संवैधानिक नियम कायदों और सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि येदियुरप्पा सरकार को विधानसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के फलस्वरूप 11 निलंबित सदस्य भाजपा के सदस्य समझे गए और वे उसके व्हिप से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राजग ने प्रधानमंत्री से मिलकर इस मुद्दे को उठाने एवं राज्यपाल को वापस बुलाए जाने की मांग करने का फैसला किया है। जेटली ने कहा, हमारा इरादा प्रधानमंत्री के समक्ष दो खास मुद्दे उठाना है। पहला, यह रिपोर्ट असंवैधानिक है और स्पष्टत: केंद्र सरकार द्वारा उसे खारिज कर दिया जाए और दूसरा, कर्नाटक के राज्यपाल बार-बार असंवैधानिक कदम उठा रहे हैं अतएव उन्हें संविधान का उल्लंघन करने के कारण उन्हें वापस बुला लिया जाना चाहिए। राजग नेतृत्व ने येदियुरप्पा से अपने सभी समर्थक विधायकों को दिल्ली लाने और राष्ट्रपति के समक्ष परेड कराने को भी कहा है ताकि वह अपना संख्याबल साबित कर सकें। जेटली ने कहा, हम सरकार का समर्थन करने वाले सभी विधायकों को राष्ट्रपति के पास ले जायेंगे और राष्ट्रपति भवन में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे क्योंकि सदन में शक्ति परीक्षण की जरूरत ही नहीं है। भारद्वाज की रिपोर्ट से उठे मुद्दे पर विचार करने के लिए राजग की आपात बैठक गठबंधन के कार्यकारी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी के आवास पर हुई। बताया जाता है कि भारद्वाज ने कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की है। जेटली ने कहा कि इन 11 विधायकों ने येदियुरप्पा सरकार से समर्थन वापस लेने के संबंध में छह अक्तूबर, 2010 को लिखे पत्र वापस ले लिए हैं। उन्होंने कहा, विधायकों ने स्वयं ही कहा है कि वे सरकार का समर्थन करते हैं। राजग का कहना है कि 121 विधायक येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कनार्टक की भाजपा सरकार का समर्थन कर रहे हैं और 225 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष के पास महज 97 सीटें ही हैं। भाजपा इस बात से भी नाराज है कि राज्यपाल विशेष सत्र बुलाने की मुख्यमंत्री की सलाह पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जेटली ने कहा, तार्किक प्रक्रिया यह होती कि सदन में शक्ति परीक्षण कराया जाता। जब तक सरकार बहुमत में है, संविधान के तहत राज्यपाल उसकी सलाह पर काम करने को बाध्य हैं। भारद्वाज ने मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार काम नहीं कर के असंवैधानिक कृत्य किया है।


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