पुलिस द्वारा की गई ग्रामीणों की पिटाई का दृश्य (फाइल फोटो)
उत्तर कर्नाटक के धारवाड़ के नावलगुंड गांव में ग्रामीणों की घेरकर बुरी तरह पिटाई करने के मामले में एसएचओ सहित छह पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही स्थानीय डीवाईएसपी के तबादले का आदेश दिया गया है.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है जो जांच करके यह बताएगी कि किन हालात में पुलिस ने निहत्थे गांव वालों पर इस तरह लाठी-डंडों से हमला किया. इसके लिए कौन लोग दोषी है?
दरअसल गुरुवार को महादायी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर उत्तर कर्नाटक बंद का आह्वान किया गया था. इस बंद के दौरान समर्थकों ने पुलिस स्टेशन कोर्ट और कई अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. इससे पुलिसकर्मी खासे नाराज थे.
मामला यहीं नहीं थमा. बाद में पुलिस कर्मियों ने गांव में बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को घरों से निकालकर पीटा. दो निजी चैनलों के स्थानिय कैमरामैनों ने इस पूरी वारदात को रेकार्ड कर लिया और इसके बाद बवाल उठ खड़ा हुआ. हुबली धाड़वार के प्रभारी मंत्री विनय कुलकर्णी का कहना है कि वहां के हालात काफी खराब हैं. सरकार को दोनों पक्षों यानी पुलिस और जनता को साथ लेकर चलना पड़ता है.
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