यह ख़बर 22 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कविता चौधरी हत्याकांड : एक बरी, तीन दोषी करार

खास बातें

  • 2006 में हुए कविता चौधरी हत्याकांड में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आरोपी अशोक को बरी कर दिया है।
गाजियाबाद:

2006 में हुए कविता चौधरी हत्याकांड में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आरोपी अशोक को बरी कर दिया है। योगेन्द्र, रविन्द्र और सुल्तान को दोषी करार दिया गया है। दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी। कविता चौधरी का 23 अक्टूबर 2006 को अपहरण कर लिया गया था और इसके बाद हत्या कर कविता की लाश को नहर में फेंक दिया गया था। पुलिस और सीबीआई ने आरोपियों की निशानदेही पर नहर में कविता के शव की तलाश की लेकिन उन्हें शव नहीं मिला। 2007 में सीबीआई ने रवीन्द्र प्रधान समेत पांच लोगों के खिलाफ आधी−अधूरी चार्जशीट दायर कर अपनी जांच जारी रखा। इस केस को बंद नहीं करने के पीछे सीबीआई की दलील थी कि इस अपराध में कुछ बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं क्योंकि कविता के फोन कॉल डिटेल्स ने यूपी के पूर्व मंत्री किरण पाल और बाबू लाल के अलावा कई और नेताओं को शक के दायरे में ला दिया था। बाद में इस मामले के मुख्य आरोपी रवींद्र प्रधान की मई 2008 में गाज़ियाबाद की जेल में हत्या कर दी गई थी जो अभी भी एक रहस्य है। आरोप है कि इस मामले में हाई प्रोफाइल लोगों को बचाने के लिए उसे मारा गया क्योंकि डर था कि कहीं दबाव में वो सारे राज ना उगल दे।


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