केसीआर ने ममता बनर्जी से की मुलाकात, कहा - यह संघीय मोर्चे की शुरुआत है

ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख राव ने कहा कि देश को वैकल्पिक एजेंडा और वैकल्पिक राजनैतिक शक्ति की जरूरत है.

केसीआर ने ममता बनर्जी से की मुलाकात, कहा - यह संघीय मोर्चे की शुरुआत है

ममता बनर्जी के साथ के चंद्रशेखर राव

कोलकाता:

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी से सोमवार को मुलाकात की और भाजपा और कांग्रेस से 2019 के आम चुनावों में मुकाबला करने के लिये संघीय मोर्चे के गठन पर चर्चा की. राज्य सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख राव ने कहा कि देश को वैकल्पिक एजेंडा और वैकल्पिक राजनैतिक शक्ति की जरूरत है.

इस घटनाक्रम को टीआरएस नेता ने ‘समूची चीजों की शुरुआत’ कहा. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राव ने कहा कि संघीय मोर्चा गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और वह अब समान सोच वाले दलों से बातचीत करेंगे.

उन्होंने बनर्जी के साथ दो घंटे की बैठक के बाद कहा, ‘‘हम असली संघीय मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहे हैं. आज संघीय मोर्चे की शुरुआत है, समूची प्रक्रिया की शुरुआत है. हमारी इस बारे में सार्थक चर्चा हुई. हम कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ विकल्प तैयार करने के लिये सभी समान सोच वाले दलों से बातचीत करेंगे.’’

तृणमूल प्रमुख भी इस दौरान उनके बगल में खड़ी थीं. राव ने कहा, ‘‘देश को कुछ बेहतर की आवश्यकता है. उसे चमत्कार की जरूरत है. अगर भाजपा जाती है और कांग्रेस आती है तो क्या कोई चमत्कार होगा.’’ उन्होंने देश में ‘वैकल्पिक एजेंडा और वैकल्पिक राजनैतिक शक्ति की’ आवश्यकता पर बल दिया.

यह पूछे जाने पर कि प्रस्तावित मोर्चे का कौन नेतृत्व करेगा तो उन्होंने कहा कि इसका सामूहिक नेतृत्व होगा. राव ने कहा कि संघीय मोर्चा ‘जनता का मोर्चा’ होगा.

बनर्जी ने कहा कि व्यापक आधार वाले मोर्चे के लिये बातचीत शुरू हो चुकी है और जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में ऐसी स्थिति आती है जब सभी दलों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होती है- हम नहीं चाहते कि कोई खास दल शासन करे और जो भी वह चाहे करे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर राजनैतिक दल की अपनी पहचान है. किसी को भी अपनी पहचान पर अहंकार नहीं करना चाहिये. हर राजनैतिक दल की अपनी क्षेत्रीय शक्ति, उसकी राष्ट्रीय ताकत है और सबको एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिये.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ है तो उन्होंने कहा, ‘‘आप अपने शब्द मेरे मुंह में नहीं डालें. जो भी राहुल ने कहा है, मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं. उन्होंने अपनी राय जाहिर की है. उसमें क्या हर्ज है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल ने रविवार को अपनी राय जाहिर की थी, लेकिन उन्होंने नहीं पूछा है कि हमारी राय क्या है- हम अपनी राय जाहिर करेंगे.’’

कांग्रेस के महाधिवेशन में पारित राजनैतिक प्रस्ताव में पार्टी ने कहा था, ‘‘कांग्रेस सभी समान सोच वाले दलों के साथ सहयोग के लिये व्यावहारिक नजरिया अपनाएगी और भाजपा-आरएसएस को 2019 के चुनावों में हराने के लिये साझा कार्यक्रम तैयार करेगी.’’

VIDEO: तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट शुरू

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com