केरल बाढ़: बचाव का काम पूरा, पानी उतरते अब घरों में दिख रहा है कीचड़ और मलबे का ढेर

100 सालों की सबसे बड़ी बाढ़ की मार झेल रहे केरल में बचाव का काम पूरा हो गया है. प्रभावित इलाक़ों में फंसे लोगों को निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है.

केरल बाढ़: बचाव का काम पूरा, पानी उतरते अब घरों में दिख रहा है कीचड़ और मलबे का ढेर

फाइल फोटो

खास बातें

  • केरल में बचाव का काम पूरा हो गया है.
  • प्रभावित इलाक़ों में फंसे लोगों को निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है
  • अब पूरा ज़ोर प्रभावित इलाक़ों में राहत पहुंचाने पर है.
नई दिल्ली:

100 सालों की सबसे बड़ी बाढ़ की मार झेल रहे केरल में बचाव का काम पूरा हो गया है. प्रभावित इलाक़ों में फंसे लोगों को निकालकर राहत शिविरों में ले जाया गया है. अब पूरा ज़ोर प्रभावित इलाक़ों में राहत पहुंचाने पर है. एनडीआरएफ, सेना, नेवी की टीमें राहत सामग्री और दवाइयां पहुंचाने में जुटी हैं. कई सरकारी और ग़ैर सरकारी संगठन भी दिन-रात राहत के काम में लगे हैं. बारिश थमने और बाढ़ का पानी उतरने से केरल को राहत तो ज़रूर मिली है, लेकिन बाढ़ ने अपने पीछे तबाही का जो मंज़र छोड़ा है, उससे उबरने में केरल को काफ़ी समय लगेगा. पानी उतरते ही घरों में कीचड़ और मलबे का ढेर दिख रहा है, जिसे हटाना बड़ी चुनौती बन गई है.

तो इस वजह से बाढ़ से तबाह केरल के लिए UAE की 700 करोड़ की मदद के प्रस्ताव को ठुकरा सकती है केंद्र सरकार

पानी घटने के बाद जब लोग अपने घरों की ओर लौट रहे हैं तो वहां उनका सामना नई मुसीबत से हो रहा है. कुछ लोग जब अपने घर लौटे तो वहां उनका सामना सांप-बिच्छू और यहां तक कि मगरमच्छों तक से हुआ. बाढ़ की वजह से 15 अगस्त से बंद कोच्चि एयरपोर्ट को 26 अगस्त से शुरू करने की कोशिश चल रही है. ये दुनिया का इकलौता एयरपोर्ट है जो सोलर एनर्जी से चलता है. बाढ़ की वजह से सोलर पैनल्स को भी नुकसान पहुंचा है. फ़िलहाल नेवल एयरबेस से यात्री उड़ानें आ-जा रही हैं. यूएई ने भारी बारिश और बाढ़ से तबाह हुए केरल की मदद के लिए 700 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. इसके लिए केंद्र सरकार की मंज़ूरी ज़रूरी होगी. हालांकि इस बात के आसार कम हैं कि भारत यूएई की मदद ले. NDTV को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत फिलहाल विदेशों से किसी तरह की मदद नहीं ले रहा है और यही बात यूएई के लिए लागू होगी. 

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केरल सरकार का कहना है कि हमने केंद्र से 2000 करोड़ रुपये की मदद मांगी थी, लेकिन हमें सिर्फ़ 600 करोड़ रुपये मिला. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि केंद्र सरकार यूएई की मदद स्वीकारने से इनकार करेगा. इसकी कोई वजह नहीं है. केरल और यूएई का लंबा और गहरा नाता है. वहां की अधिकांश आबादी मलयाली है, ऐसे में यूएई सरकार की मदद को नहीं नकारना चाहिए. इस बीच केंद्र सरकार लगातार केरल के लिए मदद भेज रही है. सीएम पिनरई विजयन के मुताबिक, पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर 1 लाख 18 हज़ार टन चावल की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार भेज रही है. फूड मिनिस्ट्री ने स्पेशल एयरक्राफ्ट से 100 टन दाल केरल भेजी है. इसके अलावा हर रोज 80 टन दाल केरल भेजी जाएगी ताकि वहां दाल की कीमत काबू में रहें. 

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वहीं NHAI यानि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने केरल में बाढ़ से तबाही को देखते हुए टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए गए हैं. त्रिशूर, पलक्कड़ ज़िले के प्लाज़ा के अलावा कोचीन के एक टोल प्लाज़ा को फ्री कर दिया गया है. ये छूट पिछले हफ़्ते से लेकर 26 अगस्त तक जारी है. केरल में कई हाइवे बाढ़ की चपेट में आए इसमें अलुवा के करीब से गुज़रता एनएच-544 का स्ट्रेच भी शामिल है. केरल की बाढ़ में मदद के लिए एक नन्ही खिलाड़ी भी सामने आई है. मुंबई की चेस चैम्पियन 9 साल की सुहानी लोहिया ने भी अपनी तरफ़ से मदद की है. सुहानी ने उन्होंने 21 हज़ार रुपये डोनेट किए हैं.

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