केरल हाईकोर्ट ने 'एस दुर्गा' को गोवा फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाने को दी मंजूरी, सरकार ने लगाई थी रोक

केरल हाईकोर्ट ने एस दुर्गा फिल्‍म के डायरेक्‍टर की याचिका पर सुनवाई करते हुए गोवा में चल रहे फिल्‍म फेस्टिवल में मूवी की स्‍क्रीनिंग को मंजूरी दे दी है. इससे पहले केन्‍द्र सरकार ने इस फिल्‍म की स्‍क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी.

केरल हाईकोर्ट ने 'एस दुर्गा' को गोवा फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाने को दी मंजूरी, सरकार ने लगाई थी रोक

केरल हाईकोर्ट ने 'एस दुर्गा' को गोवा फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाने को दी मंजूरी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • फिल्म निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
  • मंत्रालय ने गोवा फिल्‍म फेस्टिवल में फिल्‍म को दिखाने पर लगाई थी रोक
  • फिल्म का नाम बदलकर ‘एस दुर्गा’ किया गया
कोच्चि:

केरल हाईकोर्ट ने एस दुर्गा फिल्‍म के डायरेक्‍टर की याचिका पर सुनवाई करते हुए गोवा में चल रहे फिल्‍म फेस्टिवल में मूवी की स्‍क्रीनिंग को मंजूरी दे दी है. इससे पहले केन्‍द्र सरकार ने इस फिल्‍म की स्‍क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी. 

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सरकार के रोक के आदेश के खिलाफ डायरेक्‍टर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. आपको बता दें कि आईएफएफआई की 13 सदस्यीय ज्यूरी की सिफारिशों को नामंजूर करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गोवा फिल्म महोत्सव के 48वें संस्करण से मलयालम फिल्म “एस दुर्गा” को हटा दिया था. यह महोत्सव 20 नवंबर से 28 नवंबर के बीच गोवा में चल रहा है. 

फिल्म निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि मंत्रालय नियमों का पालन करे और निर्णायक मंडल के फैसले की अनदेखी ना करे. वे एक लोकतंत्र की तरफ व्यवहार करें ना कि तानाशाही की तरह. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि मंत्रालय निर्णायक मंडल के फैसले का कार्यान्वयन करे और फिल्मों को अंतिम सूची में शामिल करे. याचिका में भारत संघ, जिसका प्रतिनिधित्व सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव करेंगे, फिल्म महोत्सव निदेशालय, 48वें आईएफएफआई, गोवा के ज्यूरी फोर फीचर फिल्म्स एंड दि इंडियन पैनोरमा के प्रमुख को प्रतिवादी बनाया गया.

याचिका के अनुसार मंत्रालय ने ‘‘कानून के अधिकार के बिना निर्णायक मंडल के फैसले को मनमाने तरीके से खारिज किया और याचिकाकर्ता को नोटिस दिए बिना तथा साथ ही बिना कोई कारण बताए, उनकी फिल्म को भारतीय पैनोरमा खंड से हटा दिया.’’ फिल्म को रोटरडैम 2017 अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में हिवोस टाइगर अवार्ड दिया गया था. याचिका में कहा गया कि कुछ उपद्रवी तत्वों ने फिल्म के मूल शीर्षक ‘सेक्सी दुर्गा’ को देवी दुर्गा की तरफ संकेत के तौर पर लेते हुए फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन किया था. बाद में फिल्म का शीर्षक बदलकर ‘एस दुर्गा’ कर दिया गया.

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याचिका के अनुसार, ‘‘फिल्म के संदर्भ एवं पृष्ठभूमि को समझे बिना, इस तरह के कट्टरपंथी तत्वों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आधारहीन नजरिये के आधार पर परोक्ष मकसद के साथ फिल्म का विरोध किया और याचिकाकर्ता को धमकी भी दी.’’ इसमें कहा गया कि फिल्म में देवी दुर्गा या किसी भी दूसरी धार्मिक छवियों के खिलाफ कुछ भी नहीं है. इसमें कोई अश्लीलता नहीं है और फिल्म का विरोध करने वालों ने इसे देखने या समझने की कोई कोशिश नहीं की.

 


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