15 साल तक खेसारी दाल खाई, कोई बीमारी नहीं हुई : रामविलास पासवान

15 साल तक खेसारी दाल खाई, कोई बीमारी नहीं हुई : रामविलास पासवान

खेसारी दाल।

नई दिल्ली:

खेसारी दाल की तीन नई किस्मों में नुकसानदेह तत्व नहीं के बराबर पाए जाने के बाद अब उस पर लगी पाबंदी के सवाल पर बहस छिड़ गई है। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट आगे जांच में भी सही साबित होती है तो इससे बाजार में दाल संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

दाल के संकट से निपटा जा सकेगा
पासवान ने कहा, "यदि यह सही निकलता है कि खेसारी दाल में नुकसान वाले तत्व नहीं हैं तो दाल सेक्टर पर आज जो दबाव है वह बहुत घट जाएगा।" खेसारी दाल पर तकरीबन 50 साल पहले पाबंदी लगी थी जब इसे खाने से गठिया और कई अन्य रोग होने का सवाल उठा था। अब पासवान इस सोच पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैंने 15 साल तक खेसारी दाल खाई। मुझे कोई बीमारी नहीं हुई। खेसारी दाल उगाने में कोई खर्च नहीं होता है। खेसारी दाल का दाना अरहर दाल की तरह होता है। यह स्वादिष्ट होता है खाने में।"

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स्वास्थ्य मंत्रालय से इजाजत मांगी
अब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस् अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने खेसारी दाल की तीन नई किस्मों - रतन, प्रतीक और महातियारा पर जनता की राय के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से इजाजत मांगी है। दरअसल खाद्य मंत्री राम विलास पासवान के बयान के बाद खेसारी दाल पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए या नहीं, इस अहम सवाल पर बहस तेज़ हो गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस् अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस पर आगे क्या फैसला करती है।