कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यक्रम में पहुंचा खालिस्‍तानी आतंकी

खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल ने मंगलवार को मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत भी की, तथा कनाडाई प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी के साथ तस्वीर भी खिंचवाई. हालांकि मीडिया रिपोर्टों के बाद कनाडाई दूतावास ने गुरुवार रात को दिल्ली में आयोजित होने वाले रात्रिभोज के लिए अटवाल को दिया गया न्योता वापस ले लिया है.

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यक्रम में पहुंचा खालिस्‍तानी आतंकी

कनाडाई प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी के साथ खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल

खास बातें

  • जस्टिन ट्रूडो की यात्रा के दौरान मुंबई और दिल्ली में कार्यक्रमों का आयोजन
  • कनाडाई प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी के साथ खालिस्‍तान के आतंकी की फोटो
  • कनाडाई दूतावास ने दिल्‍ली कार्यक्रम के लिए अटवाल को दिया न्योता वापस लिया
मुंबई:

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान उनके लिए मुंबई और दिल्ली में आयोजित दो कार्यक्रमों के लिए एक खालिस्तानी आतंकवादी को भी न्योता भेजा गया, जिसे वर्ष 1986 में पंजाब के तत्कालीन मंत्री की हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया जा चुका है. खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल ने मंगलवार को मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत भी की, तथा कनाडाई प्रधानमंत्री की पत्नी सोफी के साथ तस्वीर भी खिंचवाई. हालांकि मीडिया रिपोर्टों के बाद कनाडाई दूतावास ने गुरुवार रात को दिल्ली में आयोजित होने वाले रात्रिभोज के लिए अटवाल को दिया गया न्योता वापस ले लिया है.
 
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मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अटवाल को न सिर्फ सोफी ट्रूडो के साथ तस्वीर खिंचवाते देखा गया, बल्कि उसने कनाडा के बुनियादी ढांचा व सामुदायिक मंत्री के साथ भी तस्वीर खिंचवाई.
 

jaspal atwal invite
कनाडाई दूतावास ने दिल्ली में आयोजित होने वाले रात्रिभोज के लिए अटवाल को दिया गया न्योता वापस ले लिया है
 
जसपाल अटवाल प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन में सक्रिय अलगाववादी था, जब उसे 1986 में वैंकूवर द्वीप में पंजाब के मंत्री मल्कियत सिंह सिद्धू की हत्या की कोशिश के लिए दोषी करार दिया गया था. अटवाल उन चार लोगों में शामिल था, जिन्हें निजी दौरे पर कनाडा आए मंत्री की सुनसान सड़क पर हत्या की कोशिश का दोषी पाया गया था.
 
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मल्कियत सिंह सिद्धू को दो गोली मारी गई थीं, लेकिन वह उस समय बच गए थे, हालांकि बाद में हिन्दुस्तान में उनकी हत्या कर दी गई थी. ट्रायल जज ने इस हमले को 'आतंकवाद की घटना' कहकर पुकारा था, और अटवाल तथा अन्य दोषियों को 20 साल कैद की सज़ा सुनाई थी. अटवाल ने बाद में पैरोल बोर्ड के समक्ष कबूल किया था कि वारदात के दिन वह भी शूट करने वालों में शामिल था.
 
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अटवाल को भारत में आधिकारिक कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए मंज़ूरी कैसे मिल गई. हालिया सालों में अटवाल कनाडा की राजनीति में प्रांतीय तथा केंद्रीय स्तर पर सक्रिय रहा है.
 
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित हिन्दुस्तान में बहुतों का आरोप है कि कनाडा की सरकार वहां रह रहे खालिस्तान समर्थकों के प्रति नर्म रुख अपनाती है, लेकिन कनाडा के रुख की कड़ी आलोचना करने के बावजूद अमरिंदर सिंह तथा उनके मंत्रियो ने बुधवार को अमृतसर में ट्रूडो तथा उनके मंत्रियों से मुलाकात की. बाद में मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 'खालिस्तान का मुद्दा' कनाडा के प्रधानमंत्री से बैठक के दौरान उठाया था, और उन्हें आस्वस्त किया गया है कि कनाडा भारत या कहीं भी किसी भी तरह के अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं करता है.
 
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कनाडा के एक मंत्री ने भी खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल के साथ फोटो खिंचवाई 

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान खालिस्तान का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा और सिंह ने ट्रूडो को कनाडा में मौजूद उन नौ लोगों की सूची सौंपी जो यहां कट्टरता को बढ़ावा देने में कथित रूप से शामिल हैं. एक अधिकारी ने कहा कि ट्रूडो ने आश्वासन दिया है कि उनका देश भारत में या कहीं और अलगाववाद का समर्थन नहीं करता. ट्रूडो द्वारा स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने और बंटवारा संग्रहालय का दौरा करने के बाद दोनों नेताओं के बीच यहां एक होटल में 40 मिनट तक बातचीत हुई. 

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एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिंह ने कनाडा में मौजूद नौ लोगों की सूची सौंपी जो पंजाब में लक्षित हत्याओं और आतंकवादी क्रियाकलापों के लिए धन मुहैया कराने तथा हथियारों की आपूर्ति सहित अन्य घृणित अपराधों में कथित रूप से शामिल हैं. सिंह ने ट्रूडो से इन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

 

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