यह ख़बर 14 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

फरमानों को 'तालिबानी' बताने के खिलाफ खापों की महापंचायत 21 को

खास बातें

  • खाप पंचायत के फरमानों को तालिबानी बताए जाने के खिलाफ 21 जुलाई को असारा गांव में ही महापंचायत बुलाने का निर्णय लिया गया है।
मेरठ:

खाप पंचायत के फरमानों को तालिबानी बताए जाने के खिलाफ 21 जुलाई को असारा गांव में ही महापंचायत बुलाने का निर्णय लिया गया है।

महापंचायत में देश ही नही बल्कि विदेशों में बसे समाज के लोगों को भी आमन्त्रित किया गया है। महापंचायत में ही इस मुद्दे पर आगामी निर्णय लिए जाएंगे।

असारा गांव की पंचायत में मुख्य रूप से शामिल होने पहुंचे अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष चौधरी यशपाल सिंह ने असारा गांव की पंचायत द्वारा गत दस जुलाई को जारी कथित फरमानों को समाज हित में बताते हुए मीडिया और शासन-प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मीडिया ने इस खबर को गलत तरीके से पेश किया और कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने बात को समझे बगैर ही पंचायत द्वारा लिए गए निर्णयों को तालिबानी करार दे दिया।

चौधरी यशपाल सिंह ने पंचायत के बाद कहा कि असारा गांव की पंचायत ने समाज हित में चार निर्णय सुझाए थे। पहला निर्णय दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ था। दूसरा निर्णय गांव में प्रेम-प्रसंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए था।

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चौधरी यशपाल सिंह के अनुसार 21 जुलाई को असारा गांव में होने वाली महापंचायत में मीडिया और शासन प्रशासन के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव समेत कुछ बड़े निर्णय भी लिए जा सकते हैं।