अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर क्या बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ?

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर जानिए क्या बोले देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह.

अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर क्या बोले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ?

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की फाइल फोटो.

खास बातें

  • गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नसीरुद्दीन शाह पर दिया बड़ा बयान
  • कहा- भारत से ज्यादा कोई देश सहिष्णु नहीं
  • राजनाथ सिंह ने और भी कई मसलों पर रखी बेबाक राय
नई दिल्ली:

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में असहिष्णुता को लेकर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान के बारे में जारी बहस के बीच रविवार को कहा कि हिन्दुस्तान जितना सहिष्णु मुल्क दुनिया में कोई और नहीं है. उन्होंने उत्तर प्रदेश को राज्य हिस्सों में बांटने की मांग को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि आबादी बोझ नहीं बल्कि जनसांख्यिकी लाभांश है. सिंह ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 114वें स्थापना दिवस समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के हाल के बयान के बारे में सवाल पर कहा, ‘‘भारत में जितनी सहिष्णुता है, मैं समझता हूं कि दुनिया में ढूंढने से भी नहीं मिलेगी.

भारत दुनिया का ऐसा इकलौता देश है जहां विश्व के सभी प्रमुख धर्म पाये जाते हैं. यानी सारे धर्मों के मानने वाले लोग अगर कहीं मिल जुलकर रह रहे हैं, तो वह भारत ही है.'' उन्होंने कहा,‘‘मैं दोहराना चाहूंगा कि इस्लामी देशों में भी इस्लाम के सभी 72 फिरके एक साथ नहीं मिलते. केवल भारत में ही मुसलमानों के ये सभी फिरके मौजूद हैं इसलिये यहां पर असहिष्णुता का कोई सवाल ही नहीं.'' गौरतलब है कि मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हाल में एक बयान में कहा था कि भारत में गाय की जान की कीमत आदमी की जान से ज्यादा हो गयी है.

देश में ऐसा माहौल बन गया है कि उन्हें अपने बच्चों की चिंता होती है कि कहीं कोई भीड़ उन्हें घेरकर उनका मजहब ना पूछने लगे. केन्द्रीय गृह मंत्री ने एक अन्य कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग को अवांछित और गैरजरूरी बताते हुए कहा कि आबादी कोई बोझ नहीं बल्कि एक लाभांश है और उसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिये. सिंह ने ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान‘ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोग यह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश का बंटवारा किये बगैर इसका विकास नहीं हो सकता. कल को कोई यह भी कहना शुरू करेगा कि आबादी के लिहाज से चीन के बाद भारत सबसे बड़ा देश है और यह मुल्क भी तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक इसके टुकड़े ना किये जाएं. उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या को कभी बोझ नहीं माना जाना चाहिये.

यह एक डेमोग्रैफिक डिविडेंट (जनसांख्यिकीय लाभांश) है. जनसंख्या हमारी श्रमशक्ति है. इसका उपयोग कैसे किया जाए और हम देश के विकास में उसका अधिकतम योगदान कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं, इसकी तकनीक खोजने की जरूरत है. अनावश्यक परेशान होने की जरूरत नहीं है.'' सिंह ने इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वाली 24 हस्तियों को ‘उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान' से नवाजा. गौरतलब है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग कर रही है. इसके लिये वह हाल में हस्ताक्षर अभियान भी चला चुकी है.

इसके अलावा खुद उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की मांग कर रही है और आगामी लोकसभा चुनाव में वह इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी. वैसे, उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है, मगर इस पर कोई ठोस कदम तत्कालीन मायावती सरकार ने उठाया था। नवम्बर 2011 में मायावती सरकार ने राज्य को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, बुंदेलखण्ड और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करवाकर केन्द्र के पास भेजा था. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)