आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जानिए क्या बोले UIDAI के चेयरमैन रह चुके नंदन नीलेकणि

आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यूआईडीएआई के पहले चेयरमैन  और इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने  स्वागत किया है.

आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जानिए क्या बोले UIDAI के चेयरमैन रह चुके नंदन नीलेकणि

सुप्रीम कोर्ट के आधार कार्ड पर आए फैसले पर यूआईडीएआई के पहले चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

नई दिल्ली:

आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यूआईडीएआई के पहले चेयरमैन  और इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने  स्वागत किया है. उन्होंने इसे आधार के पक्ष में  ऐतिहासिक फैसला करार दिया है. नंदन नीलेकणि ने कहा कि आधार एक विशिष्ट पहचान परियोजना है.आधार मामले में सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के फैसले के कुछ घंटे बाद नीलेकणि ने ट्वीट किया, "आधार के पक्ष में यह एक ऐतिहासिक फैसला है। आधार एक विशिष्ट पहचान परियोजना है, जोकि राष्ट्र के विकास के लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है."नीलेकणि यूनीक आईडेंडिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के पहले चेयरमैन थे. वह इस पद पर 2009 से लेकर 2014 तक रहे.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रमुख योजना में कई संशोधन किए गए.नीलेकणि ने कहा, "हमने विमर्श व परिचर्चा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से एक बेहतर और मजबूत आधार बनाया है."

क्या दिया सुप्रीम कोर्ट ने फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया लेकिन उसने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया. हालांकि अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल फोन का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां आपसे आधार नहीं मांग सकती हैं.

न्यायालय ने कहा कि सीबीएसई, नीट, यूजीसी आधार को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं और स्कूलों में दाखिले के लिए भी यह अनिवार्य नहीं है. पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अवैध आव्रजकों को आधार नंबर नहीं दे. पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आधार योजना का लक्ष्य कल्याणकारी योजनाओं को समाज के वंचित तबके तक पहुंचाना है और वह ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि समुदाय के दृष्टिकोण से भी लोगों के सम्मान का ख्याल रखती है. आधार जनहित में बड़ा काम कर रहा है और आधार का मतलब है अनोखा और सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है.

संविधान पीठ ने आधार योजना संबंधी कानून और इसे वित्त विधेयक के रूप में पारित कराने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी. इस मामले में तीन अलग अलग फैसले सुनाये गये. पहला निर्णय संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने न्यायमूर्ति सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला पढ़ा जबकि न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने बहुमत के निर्णय से सहमति व्यक्त करते हुये अलग फैसला लिखा. न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ ने भी अलग फैसला सुनाया. न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि जितनी जल्दी संभव हो आंकड़ों/सूचनाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत रक्षा प्रणाली विकसित की जाए. (इनपुट-IANS
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com