जानिए क्यों इस संतरा विक्रेता को सरकार दे रही देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री

कर्नाटक में हरेकला हजब्बा नाम के एक संतरा विक्रेता को भी इस बार पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है.

जानिए क्यों इस संतरा विक्रेता को सरकार दे रही देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री

हरेकला हजब्बा को पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है.

नई दिल्ली:

कर्नाटक में हरेकला हजब्बा नाम के एक संतरा विक्रेता को भी इस बार पद्मश्री देने का ऐलान किया गया है. भारतीय वन्य सेवा के अधिकारी  प्रवीण कसवान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जब हरेकला हजब्बा के नाम की घोषणा हुई तो 68 साल का यह शख्स राशन की दुकान में लाइन पर खड़ा था.  प्रवीण कसवान ने लिखा, 'हरेकला हजब्बा नाम उस समय राशन की दुकान में लाइन में खड़े थे जब उनको सूचना दी गई कि उन्हें 'पद्मश्री' पुरस्कार देने का ऐलान हुआ है'. प्रवीण कसवान के इस ट्वीट को काफी शेयर किया जा रहा है.  आपको बता दें कि फल विक्रेता हरेकला हजब्बा कई दशकों से दक्षिण कन्नड़ इलाके में गरीबों को मस्जिद में पढ़ाने का काम कर रहे हैं और इसमें वह अपनी गाढ़ी कमाई का हिस्सा खर्च करते हैं. BBC की न्यूज के मुताबिक उनके गांव में नवापडापू में कोई स्कूल नहीं था. लेकिन साल 2000 में हरेकला ने अपनी कमाई से पहला स्कूल खोला था. कुछ समय बाद स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ गई और तो उनको लोन  लेकर और अपनी बचत का हिस्सा खर्च स्कूल के लिए जमीन खरीदी. 

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हरेकला ने खुद अपनी प्राथमिक पढ़ाई भी नहीं पूरी की है. उन्होंने बताया कि एक विदेशी पर्यटक से मिलने के बाद उन्होंने स्कूल शुरू करने का फैसला किया. न्यूज मिनट से उन्होंने बताया, एक बार विदेशी पर्यटकों का जोड़ा मुझसे संतरे का दाम पूछ रहा था मैं काफी कोशिश के बाद उनको नहीं बता पाया क्योंकि मुझे तोलू  और बेरी भाषा के अलावा कुछ नहीं आता था. उस समय मुझे काफी दुख हुआ. वे बिना संतरा खरीदे चले गए. तब मैंने फैसला किया कि जो मेरे साथ हुआ वह गांव के बच्चों के साथ न हो. मैंने महसूस किया कि बातचीत करने का तरीके से भी तरक्की की जा सकती है और यह लोगों को साथ लाता है. गांव में उनको प्यार से 'अक्षरों का संत' कहा जाता है. हरेकला को उम्मीद है कि सरकार अब उनके गांव में कॉलेज खोलेगी.