गोविंदाचार्य बोले, बीजेपी में संवाद की कमी, संघ मसले को सुलझाने में हस्‍तक्षेप करे

गोविंदाचार्य बोले, बीजेपी में संवाद की कमी, संघ मसले को सुलझाने में हस्‍तक्षेप करे

नई दिल्‍ली:

बीजेपी के पूर्व नेता गोविंदाचार्य मानते हैं कि मौजूदा वक्‍त में पार्टी में संवाद की कमी है। उन्‍होंने NDTV से बातचीत में कहा कि वरिष्‍ठ नेताओं द्वारा साझा बयान जारी किया जाना इस बात का संकेत है कि पार्टी में संवाद और विश्‍वास बढ़ाने की सख्‍त जरूरत है। गोविंदाचार्य ने यह भी कहा कि यह साफ साबित होता है कि वरिष्‍ठ नेता बुझे मन से साझा बयान देने को विवश हुए। इसके साथ ही उन्‍होंने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ से भी इस मसले को सुलझाने के लिए हस्‍तक्षेप करने को कहा।

गोविंदाचार्य ने कहा, 'कोई भी संगठन खासकर विचारधारा वाली पार्टी केवल अनुशासन से नहीं, संवाद और विश्‍वास से ही चलती है। मैं इतना कहूंगा कि किसी संगठन के अच्‍छा चलने के लिए जरूरी है कि बड़े छोटों को स्‍नेह दें और छोटे बड़ों का आदर करें। इसमें कमी होती है तो स्‍वाभाविक तौर पर समस्‍याएं उपजती हैं। इसलिए जरूरी है कि बड़े लोग भी इसका समाधान करें।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'विचारधारा परिवार (यानि आरएसएस) के बाकी लोगों का भी यह काम है कि अगर बात अंदर से नहीं सुलझ पा रही तो वे हस्‍तक्षेप करें। वे सब लोगों को इकट्ठा बैठाकर समस्‍या का समाधान कराएं।'

गोविंदाचार्य ने कहा, जितनी उम्‍मीदों से जनता एनडीए को केंद्र की सत्‍ता में लाई, उन उम्‍मीदों का ख्‍याल कर आपस में मतभेदों को भुलाएं, जोकि वक्‍त और देश की भी जरूरत है।'

उनका कहना है कि साझा बयान जारी करने वाले वरिष्‍ठ नेता पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष रहे हैं और पार्टी बनाने में इनकी भी हिस्‍सेदारी रही है। लिहाज़ा, बड़ों का अनुभव और छोटों का परिश्रम व उत्‍साह से ही सफलता मिलती है। सभी को समाधान की दिशा में मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। सब मिलकर रहें, कोई न छूटे, सब मिलकर आगे बढ़ें। इस विचारधारा की ताकत टीम वर्क ही रही है।'

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इसके साथ ही देश में असहिष्‍णुता बढ़ने के विषय पर उन्‍होंने कहा कि असहिष्‍णुता के दो पहलू हैं। इसका दूसरा पहलू संवेदनशीलता भी है। उन्‍होंने कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया के रूख पर भी सवाल खड़े करते हुए उनके गोमांस खाने के बयान की आलोचना की और कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले दलों का कोई नुकसान हो या न हो, समाज का बहुत नुकसान होगा।