लद्दाख में एक टेंट हटाने को लेकर शुरू हुई थी भारत-चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प: सूत्र

सेना ने कल इस बात की पुष्टि की थीकि लद्दाख की गैलवान घाटी में लड़ाई में 20 सैनिक मारे गए. सेना के सूत्रों ने NDTV को बताया है कि इस घटना में 45 चीनी सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं.

लद्दाख में एक टेंट हटाने को लेकर शुरू हुई थी भारत-चीन के सैनिकों की हिंसक झड़प: सूत्र

लद्दाख में हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में चार भारतीय सैनिक गंभीर हालत में हैं. न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. सेना ने कल इस बात की पुष्टि की थीकि लद्दाख की गैलवान घाटी में लड़ाई में 20 सैनिक मारे गए. सेना के सूत्रों ने NDTV को बताया है कि इस घटना में 45 चीनी सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं. सूत्रों के अनुसार, पूर्वी लद्दाख की यह हिंसक झड़प एक टेंट हटाने को लेकर शुरू हुई थी.

सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात को हुई इस हिंसक झड़प के जो नए विवरण सामने आए हैं, उसके अनुसार, एक छोटा भारतीय गश्ती दल 15,000 फीट की दूरी पर गालवान नदी घाटी में एक चीनी टेंट को हटाने के लिए गया था. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी. सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय कर्नल बीएल संतोष बाबू को निशाना बनाने के बाद एक शारीरिक संघर्ष छिड़ गया और दोनों पक्षों के बीच डंडों, पत्‍थरों और रॉड का जमकर इस्‍तेमाल हुआ.सेना के सूत्रों का कहना है संघर्ष के दौरान दोनों तरफ के सैनिकों को काफी चोटें आई हैं. लड़ाई के दौरान कई सैनिक गैलवान नदी में गिर गए. अत्यधिक ठंड और हाइपोथर्मिया ने स्थिति को और खराब कर दिया.

मंगलवार सुबह सेना के एक बयान में एक कर्नल और दो जवानों की मौत की पुष्टि की गई और दोनों पक्षों के सैनिकों हताहत होने की बात कही गई. मंगलवार शाम को सेना ने एक अन्य बयान में कहा कि हिंसक झड़प में गंभीर रूप से घायल 17 सैनिकलद्दाख के बेहद कम तापमान के कारण एक्‍सपोज हुए और उन्‍होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया."गालवान क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक15/16 जून की दरमियानी रात को एक-दूसरे से भिड़ गए थे.न्‍यूज एजेंसी एएफपी ने एक भारतीय सेना के सूत्र के हवाले से कहा कि इस घटना में कोई भी गोलीबारी नहीं हुई. खबरों के अनुसार, सैनिकों ने एक-दूसरे पर घूंसे और पत्थर फेंके.चीनी सैनिकों ने कथित तौर पर लड़ाई के दौरान छड़ों और कीलों का इस्तेमाल किया, यह झड़प सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात कई घंटों तक चली. चीन के रक्षा मंत्रालय ने इस हिंसक झड़प में अपने सैनिकों के हताहत होने की बात स्‍वीकार की है हालांकि उन्होंने इसका विवरण नहीं दिया.

भारत ने कहा है कि यह हिंसक झड़क "चीनी सैनिकों द्वारा LAC के आसपास यथास्थिति को बदलने के प्रयास का परिणाम थी. भारत की ओर से चीन के इस दावे को खारिज किया गया कि भारतीय ने सीमा पार की थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ' हम इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमारी भी गतिविधियां वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय पक्ष में होती हैं.हम चीनी पक्ष से ऐसी ही अपेक्षा करते हैं." गौरतलब है कि मई माह की शुरुआत से तीन स्‍थानों पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. दोनों पक्षों ने बातचीत के जरिये इसका समाधान तलाशने का इरादा जताया था लेकिन सोमवार रात की झड़पें तब शुरू हुई जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के एक ग्रुप पर हमला कर दिया, इस ग्रुप में एक अधिकारी भी शामिल था.

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों पक्षो के मई माह से एक-दूसरे के आमने-सामने का एक कारण यह है कि भारत कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और चीन के बुनियादी ढांचे के साथ अंतर को कम करने के लिए इस क्षेत्र में सड़कों और एयरफील्‍ड का निर्माण कर रहा है. गालवान में, भारत ने पिछले अक्टूबर में एक हवाई क्षेत्र की ओर जाने वाली एक सड़क को पूरा किया है. चीन की इस बारे में आपत्तियों पर भारत ने कहा था कि यह निर्माण वास्तविक नियंत्रण रेखा के किनारे चल रहा है. गौरतलब है कि भारत और चीन ने 1962 में एक संयुद्ध लड़ा था. इसके बाद दोनों के बीच झड़पें हुईं, लेकिन 1975 के बाद कोई जनहानि नहीं हुई.

चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 जवानों की गई जान
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