दरभंगा के सिविल सर्जन का पत्र सामने आने से विवादों में घिरे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव

दरभंगा के सिविल सर्जन का पत्र सामने आने से विवादों में घिरे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव

राष्‍ट्रीय जनता दल अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)

पटना:

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव और विवादों का चोली-दामन का रिश्‍ता है। वे सरकार में हों या इसमें सहयोगी हों और भले ही वह केंद्र की सरकार हो या बिहार की, किसी न किसी कारण से  विवादों मेंं बने रहते हैं। विपक्षी दलों को इससे बैठे-बैठाये आलोचना का मुद्दा मिल जाता हैं।

ताजा विवाद दरभंगा के सिविल सर्जन के एक पत्र से जुड़ा है जो उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक को लिखा है। यह पत्र पूर्व में कार्यरत चार ममता कर्मचारी को काम से हटाये जाने के संबंध में है। अपने पत्र में सिविल सर्जन ने लिखा है कि लालू यादव के साथ बातचीत में उन्‍हें यह मौखिक आदेश मिला है। साथ ही अधीक्षक को मामले में आवश्‍यक कार्रवाई करने को कहा गया है ताकि वे इस बारे में आरजेडी सुप्रीमो को अवगत करा सकें।
 


लालू ने माना, फोन किया था
पत्र के मीडिया में आने के बाद लालू ने स्वीकार किया कि उन्‍होंने फोन किया था। लेकिन उन्‍होंने सिविल सर्जन को यह भी देखने को कहा था कि ममता सेविकाओं के खिलाफ कार्रवाई सही हुई है या गलत। उन्‍होंने कहा कि वे ऐसी शिकायतों पर फोन करते रहते हैं, लेकिन यह अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करता हैं कि वो क्‍या कार्रवाई करें।

विपक्षी दलों को मिला निशाना साधने का मुद्दा
हाल के दिनों में पटना के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण की घटना के बाद इस पत्र के प्रकाश में आने से नीतीश कुमार सरकार और खासकर लालू यादव, विपक्षी पार्टियों के निशाने पर होंगे। लालू के बारे में कहा जाता हैं कि वे अपने बड़े बेटे तेजप्रताप, जो स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हैं,  के कामकाज  में ज्‍यादा दिलचस्‍पी लेते हैं। उनका फोन और सिविल सर्जन का इस बारे में पत्राचार इसी का परिणाम है।

सिविल सर्जन की क्षमता पर उठाए गए थे सवाल
वहीं आरजेडी नेता का कहना है कि दरभंगा के सिविल सर्जन डॉ. श्रीराम सिंह के बारे में कई सवाल खड़े किए गए थे। कुछ महीने पहले दरभंगा के पूर्व जिला अधिकारी कुमार रवि ने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा था कि वे (सिविल सर्जन) अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं कर पाते और उनके द्वारा दिए गए निर्देशों को ठीक से समझा नहीं पाते। पूर्व जिला अधिकारी ने यहां तक लिख डाला था कि वे  शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम प्रतीत नहीं होते।

लेकिन सवाल यह है कि जिला अधिकारी की विपरीत टिप्‍पणी के बावजूद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सिविल सर्जन का अब तक तबादला क्‍यों नहीं किया। हालांकि श्रीराम सिंह ने लालू यादव के निर्देश के संबंध में जो पत्र लिखा है वह सोमवार को लिखा गया है और तुरंत मीडिया में पत्र की एक कॉपी भी उपलब्ध करा दी गई।        

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