खास बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीनों का मनमाने ढंग से अधिग्रहण करके भूमि मालिकों के अधिकारों को कुचल नहीं जा सकता।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जमीनों का मनमाने ढंग से अधिग्रहण करके भूमि मालिकों के अधिकारों को कुचल नहीं सकती क्योंकि यह उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। न्यायालय ने कहा, पूर्व संवैधानिक कानून के तहत सार्वजनिक हित की संकल्पना लागू की गई थी लेकिन इसका प्रयोग संवैधानिक लोकाचार और मौलिक अधिकारों के साथ ही निर्देशित सिद्धांतों के तहत किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली ने यह टिप्पणी पीड़ित भूमि मालिकों की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ दायर याचिका की सुनवायी करते हुए की। राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में सहारनपुर में जेल के निर्माण के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था।