कृषि मंत्री से मिले एकता परिषद के नेता, कहा- संवाद के बिना कानून बनाने से लोगों में नाराजगी

एकता परिषद के नेता पीव्ही राजगोपाल ने कहा- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना से कृषि कानूनों के विरोध में निकले किसानों के मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया गया

कृषि मंत्री से मिले एकता परिषद के नेता, कहा- संवाद के बिना कानून बनाने से लोगों में नाराजगी

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ एकता परिषद के नेता पीव्ही राजगोपाल और किसानों के प्रतिनिधि.

नई दिल्ली:

एकता परिषद के नेता पीव्ही राजगोपाल (PV Rajagopal) सरकार से तीनों कृषि कानून (Farm Laws) वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने सोमवार को रात में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात की. कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वे अकेले ऐसे एक्टिविस्ट हैं जिन्होंने कृषि मंत्री से मुलाकात करके इस मुद्दे पर बातचीत की. पीव्ही राजगोपाल ने तोमर से मुलाकात के बाद NDTV से कहा कि ''मैंने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की है. हमने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना (Muraina) से किसानों के आंदोलन (Farmers' Movement) के समर्थन में एक मार्च शुरू किया था. इसके जरिए हम कृषि मंत्री को यह संदेश देना चाहते थे कि किसानों का आंदोलन पंजाब तक सीमित नहीं है.'' 

राजगोपाल ने कहा कि ''हमें धौलपुर में रोका गया और यूपी पुलिस द्वारा आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी गई. किसानों का आंदोलन अब एक पैन इंडिया आंदोलन हो चुका है. सरकार को कानून वापस लेने पर विचार करना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि ''कोविड-19 की आड़ में कानून बनाने की जो प्रक्रिया शुरू की गई है वह गलत है. संवाद के बिना कानून बनाने के फैसले से लोग बेहद नाराज हैं.'' 

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उन्होंने कहा कि ''किसान आंदोलन गांधी जी के रास्ते पर अहिंसक तरीके से जारी है. आज देश में किसानों के जमीन विवाद से जुड़े लाखों मामले अटके पड़े हैं. हमने कृषि मंत्री से मांग की है कि सरकार को फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर किसानों के जमीन विवाद के मामलों का हल निकालने की पहल शुरू करनी चाहिए. हमने भूमिहीन लोगों को घर बनाने के लिए जमीन देने के लिए  Right to Homestead कानून बनाने की मांग भी कृषि मंत्री के सामने रखी है.''