Lockdown: बेंगलुरु में 75 फीसदी वाहनों को पास चाहिए! सड़क पर घूमने वालों का टेंपरेचर लेने वाले ड्रोन का इस्तेमाल

Coronavirus: आवश्यक सेवाएं निरंतर उपलब्ध कराने के लिए बेंगलुरु में पुलिस ने एक लाख वाहनों को पास जारी किए, फर्जी पास पर दौड़ रहीं सैकड़ों गाड़ियां

Lockdown: बेंगलुरु में 75 फीसदी वाहनों को पास चाहिए! सड़क पर घूमने वालों का टेंपरेचर लेने वाले ड्रोन का इस्तेमाल

बेंगलुरु में फर्जी पास के साथ कई वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं (प्रतीकात्मक फोटो).

बेंगलुरु:

Coronavirus संक्रमण रोकने के लिए बेंगलुरु में खास सतर्कता बरती जा रही है. Lockdown के दौरान बेंगलुरु पुलिस ने एक लाख वाहनों को पास जारी किए हैं ताकि आवश्यक सेवाओं में किसी तरह की बाधा न आए. हैरानी की बात है कि 45 लाख लोगों ने पास के लिए ऑनलाइन आवेदन दिए हैं. यानी बेंगलुरु के तकरीबन 75 फीसदी वाहनों को पास चाहिए. राज्य के गृहमंत्री बसवराज भोमई जब पुलिस अधिकारियों के साथ शहर का जायज़ा लेने निकले तो ऐसी काफी गाड़ियां पकड़ी गईं जो फर्ज़ी पास लगाकर चलाई जा रही थीं.

कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज भोमई पुलिस कमिश्नर भास्कर राव के साथ शहर के दौरे पर निकले. जब वाहनों की चेकिंग शुरू हुई तो कई वाहन फर्जी पास के साथ पकड़े गए. भोमई ने कहा कि "बहुत सारी ऐसी गाड़ियां मिली हैं. हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. मैंने अधिकारियों से कहा है कि सख्त कार्रवाई करें.''

फर्जी पास पर वाहन चल रहे हैं, वह भी तब जब पुलिस एक लाख पास जारी कर चुकी है और 45 लाख लोगों ने ऑनलाइन आवेदन दिए हैं. लोगों की आवाजाही रोकने के लिए पुलिस ने जहां वाहनों की चेकिंग तेज की है वहीं अब पुलिस थर्मल कैमरा और लाउडस्पीकर से लैस ड्रोनों का भी इस्तेमाल कर रही है ताकि वाहनों के साथ साथ लोगों की आवाजाही पर नज़र रही जा सके.

एचडी लेंस से लैस ड्रोन 800 मीटर की ऊंचाई से तीन किलोमीटर तक की दूरी तक नज़र रखता है. यह ड्रोन ज़मीन पर मौजूद किसी भी शख्स का टेम्परेचर तक ले सकता है. ग्रुप साइबर ड्रोन के संतोष कुमार ने बताया कि हम इसमें टेम्परेचर फिक्स कर देते हैं. जैसे ही कोई शख्स ज़मीन पर इस टेम्परेचर की सीमा लांघता है तो उसका चेहरा स्क्रीन पर लाल हो जाता है. फिर उसकी तस्वीर के ज़रिए उसकी पहचान करते हैं.

कर्नाटक में हालात दूसरे राज्यों से बेहतर हैं, ऐसे में कैबिनेट काम से कम दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन और बढ़ाना चाहती है. ऐसे में प्रशासन ड्रोनों और अन्य तकनीकों के ज़रिये लोगों की आवाजाही पूरी तरह नियंत्रित करना चाहती है.

VIDEO : बेंगलुरु में पास बनवाने के लिए लगी कतारें

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