लॉकडाउन: छोटे-लघु उद्योगों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार राहत पैकेज लाने की कर रही तैयारी

पिछले सात हफ्ते से बंद पड़े उद्योगों-फैक्टरियों को खोलने में छोटे उद्योगों को कई तरह के संकट से जूझना पड़ रहा है.

लॉकडाउन: छोटे-लघु उद्योगों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार राहत पैकेज लाने की कर रही तैयारी

छोटे-लघु उद्योगों को संकट से उबारने के लिए सरकार राहत पैकेज लाने की तैयारी कर रही है.

नई दिल्ली:

पिछले सात हफ्ते से बंद पड़े उद्योगों-फैक्टरियों को खोलने में छोटे उद्योगों को कई तरह के संकट से जूझना पड़ रहा है. वित्तीय संकट की वजह से 8 से 10 करोड़ मज़दूरों को अप्रैल महीने की सैलरी नहीं मिलने का अंदेशा है. अब छोटे-लघु उद्योगों को संकट से उबारने के लिए सरकार इसी हफ्ते एक राहत पैकेज लाने की तैयारी कर रही है. लॉकडाऊन ने छोटे और मध्यम उद्योगों को तबाह कर दिया है. उनकी सप्लाई चेन चरमरा गयी है और आशंका है की बढ़ते वित्तीय संकट की वजह से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सेक्टर में करीब 8 से 10 कामगारों को अप्रैल महीने की तनख्वाह नहीं मिल पायी है. 

इस बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता की वजह से शहरी इलाकों से लाखों प्रवासी मज़दूर हर तरह का खतरा मोल लेकर पलायन कर रहे हैं.  अब सरकार अगले कुछ दिनों में आर्थिक संकट झेल रहे इस सेक्टर के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. फेडरेशन ऑफ़ तेलंगाना चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ एक वेबिनार इंटरेक्शन के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम  मंत्री नितिन गडकरी ने ये संकेत दिया. 

नितिन गडकरी ने कहा "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सेक्टर से जो हमें सुझाव मिलते हैं हम उनकी समीक्षा करके वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री को भेजते हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं की सरकार की तरफ से अगले 2 से 3 दिन में एक पैकेज मिलेगा. हम उसका इंतज़ार कर रहे हैं". 

सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एक राहत पैकेज का जो मसौदा वित्त मंत्रालय को भेजा है. उसके मुताबिक छोटे-लघु उद्योगों के लिए नकदी की उपलब्धता बढ़ने के लिए विशेष कदम उठाये जाना, छोटे उद्योगों को आसान शर्तों पर क्रेडिट मुहैया कराने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम की मौजूदा सीमा 2 करोड़ से बढ़ाए जाना, मौजूदा वित्तीय संकट से राहत देने के लिए टैक्स पेमेंट में रिलीफ दिए जाना शामिल है. इसके अलावा सभी सरकारी विभागों और पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेस से छोटे उद्योगों को बकाया भुगतान सूद समेत वापस करने के लिए कहा गया है.  

उधर इस बीच छोटे और लघु उद्योगों के संघ ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सामने अपनी मांगों की एक नई सूची रख दी है. अनिल भारद्धाज, सेक्रेटरी जनरल, लघु-माध्यम उद्योग संघ ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार एक क्रेडिट गारंटी फण्ड बनाए क्योंकि बैंक छोटे-लघु उद्योगों को लेंडिंग करने से डर रहे हैं. साथ ही एम्प्लॉइज स्टेट इन्शयोरेंस कॉरपोरेशन लॉकडाउन के दौरान रजिस्टर्ड वर्करों की सैलरी का भुगतान करे". 

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