Lockdown: तीन और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बिहार रवाना, किराया दिल्ली सरकार ने दिया

बिहार के भागलपुर, दरभंगा और बरौनी के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और पुरानी दिल्ली स्टेशन से तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना हुईं

Lockdown: तीन और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बिहार रवाना, किराया दिल्ली सरकार ने दिया

दिल्ली में रेलवे स्टेशन की ओर जाते हुए बिहार के प्रवासी मजदूर.

नई दिल्ली:

Coronavirus Lockdown: बुधवार को दिल्ली से बिहार के लिए तीन और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रवाना की गईं. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बिहार के भागलपुर के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से दरभंगा के लिए दोपहर तीन बजे और बरौनी के लिए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम छह बजे ट्रेन रवाना की गईं. इससे पहले भी दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें दिल्ली से बिहार के लिए रवाना की जा चुकी हैं. इन ट्रेनों में वही लोग बिहार जा रहे हैं जो दिल्ली सरकार के रैन बसेरों या अन्य सरकारी व्यवस्थाओं में रह रहे हैं.

सबसे अहम बात यह है कि इन सभी पांच ट्रेनों में यात्रा करने वाले प्रवासी लोगों का ट्रेन का खर्च दिल्ली सरकार ने उठाया है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार में श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा 'आज फिर से तीन ट्रेनें बिहार के लिए रवाना हुई हैं. इनमें मज़दूर हैं, बिहार के निवासी हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से इन सभी की कोरोना जांच की गई. उसके बाद सभी के भोजन की व्यवस्था की गई है और सभी के टिकट की व्यवस्था की गई है. हम आशा करते हैं कि आप सब लोग सकुशल घर पहुंचेंगे अपने परिवार से मिलेंगे. दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की तरफ से आप सभी को यात्रा मंगलमय हो.'  

इसके साथ ही श्रम मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा 'श्रमिकों को लेकर आज 3 ट्रेनें दिल्ली से भागलपुर, बरौनी एवं दरभंगा, बिहार के लिए रवाना हो रही हैं. सभी श्रमिकों का किराया देगी अरविंद केजरीवाल सरकार.'

आपको बता दें कि बिहार के प्रवासी मजदूरों और अन्य फंसे हुए लोगों को बिहार ट्रेन के जरिए भेजने के खर्चे को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और बिहार की नीतीश कुमार सरकार के बीच तनातनी चल रही है. दरअसल हुआ यह था कि केंद्र सरकार ने यह तय किया था कि फंसे हुए लोग ट्रेन के जरिए अपने राज्य में जा सकते हैं लेकिन जिस राज्य में वह फंसे हुए हैं और जिस राज्य में वह जाना चाहते हैं इन दोनों जगहों की सरकारों को आपस में सहमति बनानी होगी. सहमति का मतलब कि दोनों राज्य सरकारें प्रवासियों को भेजने और स्वीकार करने पर सहमति बनाएं और तय करें कि ट्रेन को चलाने का खर्चा कौन सी सरकार देगी.

दिल्ली से जब मध्यप्रदेश के छतरपुर के लिए ट्रेन गई तो खर्चा मध्यप्रदेश सरकार ने उठाया. लेकिन जब बात बिहार के मुजफ्फरपुर भेजने की आई तो बिहार सरकार ने कहा कि ट्रेन का किराया फिलहाल मजदूरों या यात्रियों से वसूल किया जाए. जब यह लोग बिहार पहुंच जाएंगे तो सरकार इनको इनके टिकट का पैसा वापस कर देगी और जब 14 दिन का क्वॉरेंटाइन का समय यह पूरा कर लेंगे तो 500 रुपये और दिए जाएंगे. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि यह फंसे हुए लोग हैं और ज्यादातर मजदूर हैं यह लोग पैसा कहां से देंगे? ऐसा करते हैं कि रेलवे का भुगतान हम कर देते हैं और आप हमें ही पैसा दे दीजिएगा. 

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दिल्ली सरकार ने रेलवे को 6,42,000 (एक ट्रेन का खर्चा) का भुगतान किया और ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो गई लेकिन बिहार सरकार ने ना तो दिल्ली सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया और ना ही भुगतान किया. कुल मिलाकर अब दिल्ली से बिहार के लिए अब तक 5 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें जा चुकी है जिनका खर्चा बिहार सरकार ने नहीं बल्कि दिल्ली सरकार ने उठाया है.