अगर लोहिया आज जिंदा होते तो मुलायम को सपा से निकाल देते : मायावती

अगर लोहिया आज जिंदा होते तो मुलायम को सपा से निकाल देते : मायावती

मायावती ने कहा, लोहिया और मुलायम के समाजवाद में काफी अंतर आ गया है। (फाइल फोटो)

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने 60वें जन्मदिवस के मौके पर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि प्रख्यात समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया और मुलायम के समाजवाद में काफी अंतर आ गया है। यदि लोहिया आज जिंदा होते तो वह मुलायम को खुद ही सपा से निकाल देते।

दलितों के साथ भेदभाव कर रही अखिलेश सरकार
मायावती ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, 'सैफई महोत्सव में जिस तरीके से पैसा बहाया गया, वह समाजवाद नहीं हो सकता। लोहिया ने समाजवाद की जो राह दिखाई थी, सपा उससे भटक गई है।' उन्होंने कहा कि मौजूदा सपा सरकार, बसपा सरकार की ओर से चलाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है और दलितों तथा पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है।

गुंडे माफिया बने पुलिस के लिए चुनौती
मायावती ने कहा, 'वर्तमान राज्य सरकार जिस तरह से दलितों के साथ भेदभाव कर रही है, समय आने पर उसका माकूल जवाब दिया जाएगा। दलितों का उत्पीड़न बढ़ गया है और दलित महापुरुषों से जुड़े स्मारक भी सुरक्षित नहीं हैं। मैं समय आने पर इसका जवाब दूंगी।'उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि राज्य में आज जिस तरह से गुंडागर्दी बढ़ गई है और गुंडे माफिया लगातार पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं, इससे साबित हो गया है कि प्रदेश की जनता वर्तमान सरकार से परेशान हो गई है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बीजेपी और आरएसएस पर भी साधा निशाना
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग जानबूझकर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को हवा दे रहे हैं, जिससे प्रदेश का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी व आरएसएस के इन हथकंडों से प्रदेश की सरकार को सावधान रहने की जरूरत है। सांप्रदायिक ताकतों से निपटने के लिए बसपा को उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की जरूरत है। मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बनारस को छोड़कर पूरे उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की जा रही है।