यह ख़बर 11 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

लोकसभा में गतिरोध बरकरार, बैठक दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली:

तेलंगाना, 84 के सिख विरोधी दंगों, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, तमिल मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना के अत्याचारों और केरल में कांग्रेस पार्टी कार्यालय में महिला के साथ कथित बलात्कार जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

लोकसभा में हंगामे और नारेबाजी के कारण आज यह लगातार पांचवां दिन था जब सदन में प्रश्नकाल नहीं हुआ। इसी हंगामे के बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने आवश्यक दस्तावेजों के साथ ही ‘ डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक के लिए मुंबई में कुछ क्षेत्रों का अधिग्रहण विधेयक’ पेश करवाया।

शीतकालीन सत्र की विस्तारित बैठक के पांचवें दिन भी लगातार सदन में तेलंगाना मुद्दा गूंजता रहा। तेलंगाना मुद्दे के पक्ष और विपक्ष में कांग्रेस, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस सदस्यों ने आज भी आसन के समक्ष आकर हंगामा और नारेबाजी की। इन सदस्यों ने आसन के समक्ष पोस्टर भी लहराए जिन पर ‘तेलंगाना का 60 साल से हो रहा शोषण’ और ‘वी वांट यूनाइटेड आंध्र’ जैसे नारे लिखे थे।  
 
द्रमुक सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर तमिल मछुआरों का मुद्दा उठाया। 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने भी पोस्टर दिखाए जिन पर लिखा हुआ था कि राहुल गांधी इन दंगों में कथित रूप से शामिल कांग्रेसी नेताओं के नाम बताएं। उधर , सदन में पिछले कई दिनों से जारी हंगामे में आज जनता दल (यू) भी शामिल हो गया। उसके सदस्य बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए हाथों में पर्चे लिए आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे।

वाम दलों के सदस्य भी आसन के समक्ष आकर केरल और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं संबंधी पोस्टर दिखा रहे थे।

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इन सभी मुद्दों पर हुए हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।