यह ख़बर 27 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लोकपाल पर हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक

खास बातें

  • लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में देर रात बैठक की।
नई दिल्ली:

लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में शुक्रवार देर रात बैठक की। बैठक में मुखर्जी के उस बयान पर भी चर्चा हुई जिसके बाद शनिवार को संसद में लोकपाल मुद्दे पर बहस की शुरुआत होनी है। मुखर्जी ने शुक्रवार देर रात पत्रकारों से कहा, "दोनों सदनों में लोकपाल मुद्दे पर बहस होनी है और इसके पहले मैं लोकसभा में बयान दूंगा।" उन्होंने कहा, "बयान के आधार पर दोनों सदनों में बहस शुरू होगी।" बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और पवन कुमार बंसल शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी शामिल हुए। मुखर्जी ने कहा, "हम अन्ना हजारे से अपना अनशन समाप्त करने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं। मैं उस अपील को दोहराता हूं।" सदन के नेता मुखर्जी शनिवार को लोकसभा में लोकपाल मुद्दे पर बयान देंगे इसके तुरंत बाद संसद के दोनों सदनों में बहस की शुरुआत होगी। संसद में लोकपाल मुद्दे पर बहस नियम 342 के तहत होगी। जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में नियम 184 और राज्यसभा में नियम 167 के तहत बहस कराने के लिए नोटिस दिया है। इन नियमों के तहत बहस के बाद मतविभाजन का प्रावधान है। खुर्शीद ने कहा कि मुखर्जी के बयान के बाद गतिरोध के तीन बिंदुओं सहित जन लोकपाल विधेयक के सभी पहलुओं पर बहस होगी। खुर्शीद ने कहा, "हमें उम्मीद है कि बहस के बाद सभी सुझावों को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।" उल्लेखनीय है कि गतिरोध समाप्त करने की सरकार की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रणब मुखर्जी और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख के साथ परामर्श किया। देशमुख अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों के साथ वार्ता कर रहे हैं। यह बैठक अन्ना हजारे द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के बाद हुई। अपने पत्र में गांधीवादी ने लिखा कि लोकपाल मुद्दे पर संसद में होने वाली केवल चर्चा से बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि संसद से यह प्रस्ताव पारित कराना होगा कि लोकपाल विधेयक में उनकी तीन प्रमुख मांगें शामिल होंगी।


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