भगवान बुद्ध का सत्य, शांति और करुणा का संदेश मानवता का मार्गदर्शक : राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुद्ध पूर्णिमा पर देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं

भगवान बुद्ध का सत्य, शांति और करुणा का संदेश मानवता का मार्गदर्शक : राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बुधवार को देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि भगवान बुद्ध का सत्य, शांति और करुणा का संदेश सदैव मानवता का मार्गदर्शन करता रहेगा.

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, “बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं सभी नागरिकों और पूरी दुनिया में भगवान बुद्ध के अनुयायियों को शुभकामनाएं देता हूं. भगवान बुद्ध का संदेश हमें प्रेम, सत्य, करुणा और अहिंसा के साथ मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है.'' कोविंद ने कहा कि उनका जीवन और आदर्श समानता, सद्भाव और न्याय जैसे शाश्वत मूल्यों में हमारे विश्वास को सुदृढ़ करता है.

राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे समय में, जब हम कोविड-19 के रूप में एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं, हमें जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए और इस तरह भगवान बुद्ध के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए.  उन्होंने कहा कि यह पवित्र त्योहार हमें भगवान बुद्ध की शिक्षा का पालन करने और हमारे बीच सद्भाव की भावना को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि सम्यक आचरण में भगवान बुद्ध द्वारा प्रतिपादित अष्टांग मार्ग तथा व्यवहार में पंचशील के अनुसरण से ही मानवता संसार के चार आर्य सत्यों का समाधान कर, आध्यात्मिक उत्कर्ष प्राप्त कर सकती है. कोविड-19 के दौरान भगवान बुद्ध के संदेश को और प्रासंगिक बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ भगवान बुद्ध का सत्य, शांति और करुणा का संदेश सदैव मानवता का मार्गदर्शन करता रहेगा. हम सहिष्णुता से समाज को संगठित रखें, सहानुभूति के भाव से जरूरतमंदों की हर संभव सहायता करें.''

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुद्ध पूर्णिमा की पूर्वसंध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि महात्मा बुद्ध का जीवन और उनकी शिक्षा मानवजाति को भारत की ओर से दिया गया एक अनुपम उपहार है तथा उनके अहिंसा, सत्य, निस्वार्थ सेवा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के आदर्श समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं . उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी के इस कठिन समय में आइए हम सब बुद्ध के साधना और ध्यान के बंधनमुक्त करने वाले विचारों का स्मरण करें जिससे हमें कोरोना वायरस का मुकाबला करने की प्रेरणा मिलेगी.



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