'लव जिहाद' पर यूपी सरकार सख्‍त लेकिन ऐसे मामलों की SIT जांच में नहीं मिले 'संगठित रूप से साजिश' के सबूत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुशीनगर के एक दंपती की अंतरधार्मिक शादी को जायज ठहराते हुए लड़के के खिलाफ दर्ज पास्‍को एक्‍ट, अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की FIR को खारिज कर दिया है.

खास बातें

  • 'लव जिहाद' के खिलाफ सख्‍त कदम उठा रही कुछ राज्‍य सरकारें
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक शादी को ठहराया जायज
  • लड़के के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को किया खारिज
लखनऊ:

ऐसे समय जब उत्‍तर प्रदेश (UP)  सरकार तथाकथित 'लव जिहाद' (Love Jihad)  के खिलाफ कानून ला रही है. कानपुर में 'लव जिहाद' के मामलों की जांच कर रही स्‍पेशल इनवेस्‍टीगेशन टीम यानी SIT ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्‍हें इसमें संगठित रूप से की गई कोई साजिश के सबूत नहीं मिले हैं. उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुशीनगर के एक दंपती की अंतरधार्मिक शादी को जायज ठहराते हुए लड़के के खिलाफ दर्ज पास्‍को एक्‍ट, अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की FIR को खारिज कर दिया है. जिस कानपुर में अपराध की बाढ़ है. विकास दुबे आठ-आठ पुलिस वालों का कत्‍ल कर चुका है. करीब 50 पुलिसवालों की उससे मिलीभगत की बात पता चली है, ढेरों दूसरे मामले हैं. वहां पुलिस की SIT इसलिए बनाई गई ताकि इस बात की जांच हो सके कि हिंदू-मुस्लिम शादियां सही हुई हैं या नहीं. SIT ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे 14 मामलों की जांच हुई है. तीन मामलों में बालिग लड़कियों ने मर्जी से धर्म बदला और शादी की. चार लड़कों ने शादी का वादा कर मोहब्‍बत की लेकिन शादी नहीं की. तीन मामलों में शादी करने के लिए लड़कों ने अपना नाम और धर्म छुपाया जबकि चार मामलों में जिनसे रिश्‍ते बनाए वे लड़कियां नाबालिग थीं. SIT रिपोर्ट कहती है कि नाम और धर्म बददलने के तयशुदा तरीके नहीं अपनाए लेकिन इसमें संगठित साजिश नहीं है. 

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कानपुर के आईजी, मोहित अग्रवाल ने कहा, SIT की जो हमारी जांच है, उसमें इस बात के कोई पुख्‍ता प्रमाण हमको नहीं मिले कि यह संगठित रूप से कोई साजिश के तहत कुछ लोगों ने किया है. चार लड़के ऐसे पाए गए हैं जो आपस में बातचीत करते थे, पूर्व परिचित थे और इन चार लड़कों का अलग धर्म की लड़कियों के साथ संबंध रहा लेकिन किसी विदेशी फंडिंग की बात अब तक सामने नहीं आई है. गौरतलब है कि लव जिहाद को लेकर मध्‍य प्रदेश और हरियाणा की सरकारें पहले ही कानून बनाने का ऐलान कर चुकी हैं लेकिन इसने यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) के उपचुनाव में दिए गए भाषण के बाद तूल पकड़ा. जौनपुर में 31 अक्‍टूबर को दिए भाषण में सीएम योगी ने कहा था, 'सरकार यह निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को सख्‍ती से रोकने का काम करेंगे. एक प्रभावी कानून बनाएंगे. छद्मवेश में चोरी छुपे...नाम छुपाकर, स्‍वरूप छुपाकर जो लोग बहनें बेटियों की इज्‍जत के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनको पहले से मेरी चेतावनी है कि अगर सुधरे नहीं हो राम नाम सत्‍य की यात्रा अब निकलने वाली है.' लेकिन कुशीनगर के एक गांव के सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार की अंतरधार्मिक शादी रोकी नहीं जा सकी. प्रियंका का सलामत पड़ोसी है, बचपन से वे दोस्‍त थे, बड़े हुए तो निकाह कर लिया. प्रियंका मुस्लिम होकर आलिया बन गई. उसके घर वालों ने सलामत के खिलाफ पास्‍को एक्‍ट, अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन शादी की एफआईआर करवा दी लेकिन कोर्ट ने दोनों के निकाह को मंजूरी दी और एफआईआर खारिज कर दी. 

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वकील एसए नसीम ने NDTV को बताया, 'कोर्ट ने कहा कि दो व्‍यक्ति वो किसी धर्म, संप्रदाय, किसी जाति के हैं और वे किसी बालिग हैंतो आर्टिकल 21 के अनुसार, उन्‍हें एक साथ रहने का अधिक है. फिर भले ही वे दोनों एक ही सेक्‍स के क्‍यों न हो और इनके इस रहने की प्रक्रियामें किसी भी सरकार या परिवार या किसी समाज को दखल देने का अधिकार नहीं है. अगर कोई इसमें दखल देता है तो यह निजता के अधिकार का अतिक्रमण होगा. 'मोहब्‍बत करने वाले हिंदू-मुस्लिम लड़के-लड़की की शादी के तीन तरीके हैं. स्‍पेशल मैरिज एक्‍ट में शादी जिसमें किसी को भी अपना नाम और धर्म बदलने की जरूरत नहीं है. निकाह करना, जिसमें गैर मुस्लिम को मुस्लिम बनके नाम बदलकर निकाह करना होगा. आर्य समाज में शादी जिसमें गैर हिंदू को हिंदू बनके नाम बदलकर शादी करनी होगी.

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बरेली के थाने में ऐसे ही मामले में हंगामा हुआ. बीजेपी के महानगर अध्‍यक्ष के नेतृत्‍व में एक हिंदू लड़की की मुस्लिम लड़के से शादी का विरोध हुआ जबकि लड़की का कहना है कि उसने मर्जी से शादी की है.बवाल के बाद लड़का जेल भेज दिया गया. स्‍पेशल मैरिज एक्‍ट में शादी से पहले लड़के-लड़की का फोटो नोटिस बोर्ड पर लगाई जाती है, इसके बाद परिवार और कटटरपंथी दोनों लग जाते हैं और धार्मिक शादी सिर्फ एक धर्म के लोगों में होती है, इसलिए इसमें एक ही धर्म बदलना होता है. ऐसा मुस्लिम मौलाना भी करते हैं और आर्य समाज भी. आर्य समाज के देवेंद्र पाल वर्मा इसका तरीका बताते हुए कहते हैं, 'व्‍यक्ति स्‍वेच्‍छा से डिक्‍लेरेशन देगा कि मैं अपना फलां मजहब छोड़कर हिंदू धर्म स्‍वीकार कर लिया है. मैंने वैदिक धर्म स्‍वीकार कर लिया है और उसके बाद उसके उसको यज्ञ वेदी पर बैठाकर यज्ञोपवीत संस्‍कार कराना होता है.' लखनऊ की रुकैया इसकी मिसाल हैं, वह अपनी पसंद के लड़के से शादी करने के लिए एक आर्यसमाज मंदिर में हिंदू बन गईं और उनका नाम मुस्‍कान हो गया हालांकि उनकी शादी नाकाम ही नहीं लेकिन मुस्‍कान इसे न तो कोई जिहाद बताती है और न ही इसके लिए हिंदू धर्म को जिम्‍मेदार मानती हैं. मुस्‍कान का कहना है कि उन्‍होंने ऐसा लड़के की मोहब्‍बत में और ससुराल में बेहतर एडजेस्‍टमेंट के लिए किया.

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मुस्लिम धर्मगुरु कहते हैं कि लव जिहाद नाम की कोई चीज इस्‍लाम में नहीं है. अगर कोई झूठ बोलेकर, नाम या धर्म छिपाकर शादी कर रहा है तो वह खुद जिम्‍मेदार होगा इस्‍लाम नहीं. लेकिन बीजेपी और संघ परिवार इसे ध्रुवीकरण के बड़े हथियार की तरह देखते हैं. कानून मंत्री बृजेश पाठक कहते हैं कि यूपी में काफी समय से यह देखा जा रहा है कि भोलीभाली बेटियों-बहनों को बहला-फुसला के लोग गैर धर्मा में ले जाकर शादी करते हैं और शादियों के लिए केवल धर्म परिवतन होता है जिसकी पूर्व सूचना न उनके अभिभावकों को होती है, न संबंधित अधिकारियों को. हमारी सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ा कानून बना लिया है.