लखनऊ : बर्थडे के दिन ही सड़क किनारे मिली IAS ऑफिसर की बॉडी, प्‍यार से लोग वाटरमैन कहते थे

बुधवार को ही अनुराग तिवारी का जन्‍मदिन था. बहराइच के उनके घर पर बुधवार को आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी के जन्मदिन पर पूजा की तैयारी चल रही थी. वो होते या नहीं उनके नाम से सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने का रिवाज उनकी पैदाइश से आज तक चला आ रहा था. लेकिन अचानक सुबह आठ बजे अनुराग तिवारी की एकाएक मौत की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया.

लखनऊ : बर्थडे के दिन ही सड़क किनारे मिली IAS ऑफिसर की बॉडी, प्‍यार से लोग वाटरमैन कहते थे

कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी 2007 में प्रशासनिक सेवा में आए .(फाइल फोटो)

खास बातें

  • मृतक आईएएस 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के अधिकारी थे
  • मूल रूप से यूपी के बहराइच के रहने वाले थे
  • दो दिनों से लखनऊ के एक गेस्‍ट हाउस में ठहरे थे
लखनऊ:

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अधिकारी की बुधवार सुबह राजधानी लखनऊ में एक सड़क किनारे बॉडी मिलने से प्रशासनिक अमला सकते में आ गया है. पुलिस ने इसको 'रहस्‍यमय परिस्थितियों' में मौत कहा है. मृतक आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी 2007 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस थे. वह यूपी के ही बहराइच के रहने वाले थे. पुलिस के मुताबिक उनकी बॉडी हजरतगंज इलाके में मीरा बाई गेस्‍ट हाउस के पास मिली है. कहा जा रहा है कि वह पिछले दो दिनों से यहां ठ‍हरे थे. सबसे पहले सड़क से गुजरते कुछ राहगीरों ने बॉडी को सड़क किनारे देखा और पुलिस को सूचित किया. ऑफिसर की पहचान उसके आई-कार्ड से हुई है. बॉडी को पोस्‍टमार्टम के लिए अस्‍पताल ले जाया गया है.

हजरतगंज के पुलिस निरीक्षक एके शाही ने बताया कि शुरुआती जांच में तिवारी के जबड़े के पास चोट के निशान पाये गये हैं. इसके अलावा उनके शरीर पर कोई चोट नहीं दिखी है. शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है. मामले की जांच जारी है. बुधवार को ही अनुराग तिवारी का जन्‍मदिन था. बहराइच के उनके घर पर बुधवार को आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी के जन्मदिन पर पूजा की तैयारी चल रही थी. वो होते या नहीं उनके नाम से सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने का रिवाज उनकी पैदाइश से आज तक चला आ रहा था. लेकिन अचानक सुबह आठ बजे अनुराग तिवारी की एकाएक मौत की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया.

अनुराग तिवारी बीते कुछ दिनों से पत्‍नी से हुए विवाद के चलते खासे अवसाद में थे लेकिन किसी को ये नहीं पता था कर्नाटक कैडर के 2007 बैच के होनहार नौकरशाह की इस तरह मौत हो जाएगी. पिछले साल जब वो बीदर के डिप्टी कलेक्टर बन कर गए थे तो वहां पानी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए बेहतरीन काम किया था. बीदर में 130 से ज्यादा टैंक और 100 से ज्यादा कुंआ खुदवाकर सुर्खियों में आ गए थे. यही नहीं पांच सौ साल पुरानी सूख चुकी जहाज की बावड़ी की सफाई कराकर फिर से पानी से लबालब कर दिया था और इसके चलते जिले के लोग उन्हें प्यार से वाटरमैन के नाम से पुकारते थे. वो तेजतर्रार और सरल नौकरशाह के रुप में जाने जाते थे.


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