कृषि कानूनों को लेकर क्या सच हो रहा किसानों का डर? कहीं चेक हो रहे बाउंस, तो कहीं ट्रेडर ही गायब

किसानों को नए कृषि सुधार कानून लागू हो जाने के बाद अपनी फसल की बिक्री को लेकर कॉरपोरेट कंपनियों पर मोहताज हो जाने का डर है और किसान नेताओं का कहना है कि ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां किसानों का डर सच साबित हो रहा है.

कृषि कानूनों को लेकर क्या सच हो रहा किसानों का डर? कहीं चेक हो रहे बाउंस, तो कहीं ट्रेडर ही गायब

कृषि कानूनों के प्रावधानों का क्या किसानों पर दिख रहा है असर? (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

Farm Laws: कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध पर केंद्र सरकार बार-बार उन्हें आश्वासन दे रही है कि ये कानून उनके हित में हैं लेकिन किसान इन मांगों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं. किसानों का डर कहीं-कहीं सच होता भी दिखाई दे रहा है. ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जहां कुछ ट्रेडर्स ने किसानों से उनकी फसल खरीदी है, लेकिन उनका पेमेंट किए बिना भाग गए हैं. ऐसे मामले सामने आने के बाद कृषि कानूनों को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. 

महाराष्ट्र के किसान नेता संदीप गिद्दे पाटिल ने बताया कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के राज्य मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक कॉरपोरेट कंपनी ने 22 किसानों के साथ दो करोड़ का करार किया लेकिन बाद में उनकी ओर से दिया गया चेक बाउंस हो गया. किसान जब स्थानीय पुलिस के पास शिकायत करने पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि वह पुलिस में शिकायत नहीं कर सकते. उन्हें एसडीएम के दफ्तर जाना होगा. यह ठगी मध्य प्रदेश में हुई है, जहां से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आते हैं. 

पाटिल ने कहा कि नए कानून से किसानों को नुकसान ज्यादा है ऐसे 200 शिकायतें पूरे देश से आ चुकी हैं. ऐसे में वो यह सारे तथ्य बुधवार को हो रही मीटिंग में कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री के सामने बैठक के दौरान रखेंगे.

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किसान नेता राकेश टिकैत ने NDTV से कहा, 'जब से नए कृषि कानून उत्तर प्रदेश में लागू किए गए हैं किसानों को उनकी फसल के लिए मिलने वाली कमाई आधी हो गई है. एमएसपी रेट से आधे रेट पर किसानों की फसल खरीदी जा रही है. कुछ क्षेत्रों में धान ₹800 की रेट पर खरीदा गया है. हम यह सारे तथ्य बैठक में रखेंगे.'

पंजाब के किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने NDTV से कहा, 'जब से नए कृषि सुधार के कानून लागू किए गए हैं. किसानों के साथ ठगी की घटनाएं बढ़ी है. व्यापारियों ने गांवों में ऑफिस खोले हैं, किसानों से फसल खरीदी है और फिर भाग गए. उन्होंने किसानों को उनकी फसल का रकम नहीं चुकाया है. इस तरह की धोखाधड़ी की घटना गुना में भी हुई है. यह सारे तथ्य भारत सरकार के साथ होने वाली बैठक में उनके सामने रखी जाएगी.'

बलदेव सिंह ने होशंगबाद और मध्य प्रदेश के गुना में किसानों से फसल खरीदने के बाद बिना पेमेंट किए भाग जाने वाले व्यापारियों को लेकर मीडिया में छपी खबरों के पोस्टर भी दिखाए.

Video: बातचीत पर जाने से पहले किसानों ने कहा- पॉजिटिव सोच के साथ जा रहे हैं

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