बंगाल में 'जय श्रीराम' नहीं बोलने पर मदरसा शिक्षक को पीटने के बाद चलती ट्रेन से दिया धक्का 

पश्चिम बंगाल में मदरसे के एक शिक्षक को 'जय श्रीराम' नहीं बोलने की वजह से कुछ लोगों के एक समूह ने पीटा और चलती ट्रेन से धक्का दे दिया.

बंगाल में 'जय श्रीराम' नहीं बोलने पर मदरसा शिक्षक को पीटने के बाद चलती ट्रेन से दिया धक्का 

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • प. बंगाल से चौंकाने वाला मामला सामने आया
  • 'जय श्रीराम' नहीं बोला तो ट्रेन से दिया धक्का
  • मो. हलदर कैनिंग से हुगली जा रहे थे, तभी हादसा हुआ
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां मदरसे के एक शिक्षक ने शिकायत दर्ज कराई है कि 'जय श्रीराम' नहीं बोलने की वजह से कुछ लोगों के एक समूह ने उसे पीटा और चलती ट्रेन से धक्का दे दिया. जीआरपी के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह घटना, झारखंड की उस घटना के महज दो दिन के अंदर सामने आई है, जिसमें 22 वर्षीय तबरेज अंसारी को भीड़ ने 18 घंटे तक पीटा और उसे 'जय श्रीराम' और 'जय हनुमान' कहने के लिए बाध्य किया. तबरेज की बाद में मौत हो गई. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के 26 वर्षीय मदरसा शिक्षक हफीज मोहम्मद शाहरुख हलदर ने कहा कि उन पर हमला बीती गुरुवार को हुआ, जब वह ट्रेन से कैनिंग से हुगली जा रहे थे. 

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अधिकारी ने बताया, 'हलदर ने कहा कि लोगों का एक समूह उनके पास आया और उनसे 'जय श्रीराम' कहने के लिए कहा. जब उन्होंने मना किया तो इन लोगों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और जब ट्रेन पार्क सर्कस स्टेशन में दाखिल हो रही थी, तब उन लोगों ने उन्हें ट्रेन से धक्का दे दिया. हलदर की आंख और हाथ पर चोट आई है. अधिकारी ने कहा कि हलदर ने सोमवार को बालीगंज जीआरपीएस में अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

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बता दें कि हाल ही में झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के घातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में कथित तौर पर बेरहमी से पिटाई की और उससे ‘जय श्रीराम' और ‘जय हनुमान' के नारे लगवाए. बाद में इलाज के दौरान अंसारी की मौत हो गई. इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी के प्रमुख को बुधवार तक गृह सचिव और मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.

भीड़ की ऐसी हिंसा की घटनाएं थम क्यों नहीं रहीं?

उधर, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'मॉब लिंचिंग में युवक की मौत बेहद दुःखदायी है, लेकिन इसके लिए समूचे झारखंड को कठघरे में खड़ा करना सही नहीं.' साथ ही उन्होंने कि कहा कि हर हिंसा पर हमारा एक मानदंड हो. सबकी सुरक्षी की गारंटी हमारा दायित्व है. पीएम मोदी ने कहा, 'झारखंड में लिंचिंग की घटना से मुझे दुख हुआ. इससे दूसरों को भी दुख पहुंचा होगा. लेकिन कुछ लोगों ने राज्यसभा में झारखंड को लिंचिंग का हब कहा था. क्या यह सही है? वे एक प्रदेश का अपमान क्यों कर रहे हैं. एक मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार हमारे पास नहीं है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.'

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(इनपुट: IANS)