मैगी विवाद : नेस्ले को राहत नहीं, कोर्ट ने FSSAI और सरकार से कहा दो हफ्ते में दें हलफनामा

मुंबई:

नेस्ले इंडिया को शुक्रवार को बंबई हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि न्यायालय ने केंद्रीय खाद्य सुरक्षा नियामक तथा महाराष्ट्र सरकार की ओर से उसके मैगी नूडल्स उत्पाद की नौ किस्मों पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने से इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति वी.एम. कनाडे और न्यायमूर्ति बी.पी. कोलाबावाला की खंडपीठ ने नेस्ले इंडिया लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वे दो सप्ताह के भीतर कंपनी की याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करें।

अदालत इस मामले में अब 30 जून को सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा कि यह उत्पाद (मैगी) पहले ही दुकानों से बाहर है और ऐसी स्थिति में इस स्तर पर प्रतिबंध संबंधी आदेश पर रोक लगाने का कोई मतलब नहीं है।

बहरहाल, अदालत ने कहा कि अगर एफएसएसएआई नेस्ले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही आरंभ करना चाहती है तो उसे इस कंपनी को 72 घंटे का नोटिस देना चाहिए।

नेस्ले ने दिल्ली स्थित एफएसएसएआई और उसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पांच जून का आदेश रद्द करने का अनुरोध किया था। इस आदेश में कहा गया है कि कंपनी बाजार से मैगी नूडल्स की नौ किस्मों को वापस ले क्योंकि वे असुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

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कंपनी ने कहा कि आदेश में उससे इस उत्पाद के उत्पादन, प्रसंस्करण, आयात, वितरण एवं बिक्री पर तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए भी कहा गया था।