महाराष्ट्र : मुंबई-गोवा हाईवे पर ब्रिज बहने के बाद अब सभी पुराने पुलों को परखेगी सरकार

महाराष्ट्र : मुंबई-गोवा हाईवे पर ब्रिज बहने के बाद अब सभी पुराने पुलों को परखेगी सरकार

मुंबई-गोवा हाईवे पर बाढ़ में बहा पुल।

खास बातें

  • मामले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में विपक्ष
  • अजीत पवार ने मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग उठाई
  • पुल निर्माता ब्रिटिश कंपनी के मुताबिक पूरी हो चुकी थी पुल की उम्र
मुंबई:

मुंबई-गोवा हाईवे पर 110 साल पुराने ब्रिज के बहने के बाद सरकार अब पूरे राज्य में मौजूद पुराने पुलों को परखने की बात कह रही है. वहीं विपक्ष इस मामले पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है. इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने तो कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ 302 के तहत मामला तक दर्ज करने की मांग कर डाली.

पुल का इसी साल ढांचागत ऑडिट कराया गया था
सावित्री नदी ने अपने ऊपर बने नए पुल को बख्श दिया लेकिन अंग्रेजों के जमाने में बने ब्रिज को बहा ले गई. यह वह पुल था जिसकी हालत उसमें से निकले पेड़-पौधों की  तस्वीरों से पता लगती थी. पत्थर से बने पुल में दरारें पड़ गई थीं. उसमें पेड़-पौधों ने घर बना लिया था. साल 2013 में इस पुल की जर्जर हालत पर स्थानीय लोगों ने शिकायत की, मीडिया में खबरें भी छपीं. एक अखबार ने बताया कि पुल को बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी ने भी इसकी मियाद पूरी होने की जानकारी दी थी लेकिन इसके बावजूद ब्रिज पर गाड़ियां चलती रहीं. सरकार ने इसी साल ब्रिज का स्ट्रक्चरल ऑडिट भी करवाया और इसे ओके का सर्टिफिकेट दे दिया.

पीडब्लूडी मंत्री ने मौसम को बताया दोषी
पीडब्लूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा ''सावित्री नदी पर बना पुल 100 साल पुराना था. उसमें कोई खतरा नहीं था. एक नया पुल वहां बनाया गया था, लेकिन चूंकि उसकी हालत खराब नहीं थी इसलिए दोनों पुल चालू थे. चौबीस घंटे में 222 एमएम बरसात हुई. ऊपर 6 मीटर तक पानी आ गया जिस वजह से पुल टूट गया. हमने मई में संरचना की जांच करवाई थी.''

हादसे पर राजनीति शुरू
उधर महाड हादसे पर महाराष्ट्र में राजनीति शुरू हो गई है. पुलों की जर्जर हालत सामने आने के वक्त सोते रहने का आरोप झेलने वाली कांग्रेस-एनसीपी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजीत पवार ने तो इस मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ 302 के तहत मामला चलाने की मांग कर दी है.

स्थानीय लोगों में गुस्सा
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भी जबर्दस्त गुस्सा है. उनका कहना है कि अगर सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करेगी तो वे खुद नेशनल हाईवे अथॉरिटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करवाएंगे.


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